कोर्ट के फर्जी आदेश के नाम पर साइबर ठगी, सरकार ने दी चेतावनी
देश में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।

देश में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में एक नया मामला सामने आया है, जहां ठग कोर्ट के फर्जी आदेश का इस्तेमाल कर लोगों को डराने और ठगने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने इस ईमेल को फर्जी करार देते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
इस ईमेल में स्कैमर्स इंटरनेट ट्रैफिक को लेकर फर्जी कोर्ट ऑर्डर भेज रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति ने अपने इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल अश्लील सामग्री देखने के लिए किया है। इसमें किसी सरकारी एजेंसी का नाम देकर इसे अधिक विश्वसनीय दिखाने की कोशिश की गई है। पीआईबी ने इस ईमेल को पूरी तरह फर्जी बताया है और लोगों को इसे गंभीरता से न लेने की अपील की है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह एक फिशिंग स्कैम हो सकता है, जिसका मकसद लोगों से उनकी निजी और वित्तीय जानकारी चुराना है। पीआईबी ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें ऐसा कोई ईमेल मिले, तो वे इसकी शिकायत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर करें और किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से बचें।
साइबर ठगी से बचने के लिए ऑनलाइन सतर्कता बेहद जरूरी है। मोबाइल और कंप्यूटर को हमेशा अपडेटेड रखना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रहें। सोशल मीडिया और बैंकिंग खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने से बचें। किसी भी संदिग्ध ईमेल, लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें, क्योंकि साइबर अपराधी इसी तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
अगर कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो उसे तुरंत संबंधित एजेंसियों से संपर्क करना चाहिए। शुरुआती कुछ मिनटों में सही कदम उठाकर आर्थिक नुकसान को रोका जा सकता है। सरकार ने नागरिकों को जागरूक और सतर्क रहने की सलाह दी है ताकि वे किसी भी तरह के ऑनलाइन स्कैम से खुद को सुरक्षित रख सकें।
Received an e-mail informing you of a court order against your internet traffic❓
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 7, 2025
⚠️Beware ‼️ This could be a phishing scam targeting you.#PIBFactCheck
❌This email is #FAKE
✔️Report any suspicious emails on the official cyber-crime portal: https://t.co/3ROioPMaaZ pic.twitter.com/QX6AFmWQXF