मथुरा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट, मुआवजे की मांग
मथुरा के नौहझील क्षेत्र में शनिवार सुबह करीब 6 बजे तेज आंधी के बाद अचानक बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई, जिससे गेहूं, सरसों और आलू की फसल को भारी नुकसान हुआ।

मथुरा के नौहझील क्षेत्र में शनिवार सुबह करीब 6 बजे तेज आंधी के बाद अचानक बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई, जिससे गेहूं, सरसों और आलू की फसल को भारी नुकसान हुआ। किसानों ने सरकार से प्रभावित खेतों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर, फरीदमपुर, भैरई, मुसमुना, मनीगढ़ी, नानकपुर, शल्ल, जरैलिया, तिलकागढ़ी, मुडलिया, घसियागढ़ी, बाजना, मानागढ़ी समेत कई गांवों में तेज आंधी और बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई। इससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई, सरसों के फूल झड़ गए और आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचा। अचानक हुई इस तबाही से किसानों में भारी चिंता है। आंधी की वजह से कई बड़े पेड़ गिर गए और शादी समारोहों के लिए लगे टेंट भी क्षतिग्रस्त हो गए।
फसल बर्बादी से किसान परेशान
मार्च के शुरुआती दिनों में आई इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया। किसान सोनू प्रधान, रोहतास चौधरी, अजय सरपंच, चेतन नौहवार, शिवा चौधरी, जयदेव चौधरी, सुभाष चौधरी, लाला चौधरी सहित अन्य किसानों ने बताया कि वे गेहूं की फसल के लिए पूरे साल मेहनत करते हैं, लेकिन अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा से उनकी फसल चौपट हो गई। किसानों ने सरकार से अपील की है कि खेतों का सर्वे कराकर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति संभल सके।
ईंट भट्टा कारोबारियों को भी नुकसान
बारिश और ओलावृष्टि से क्षेत्र के ईंट भट्टा संचालकों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। भट्टों पर पकने के लिए रखी गई कच्ची ईंटें पानी भरने के कारण गलकर खराब हो गईं। बारिश से कई ईंट भट्टों में आग बुझ गई, जिससे शुरुआती आंच डालने में हुई लागत भी व्यर्थ चली गई। संचालकों का कहना है कि इस नुकसान की भरपाई करना मुश्किल होगा।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों और भट्टा संचालकों को राहत दिलाने के लिए सरकार से उचित सहायता की मांग की जा रही है।