जिला घरेलू उत्पाद अनुमान के आंकड़ों में गौतमबुद्ध नगर प्रथम, लखनऊ द्वितीय तथा गाजियाबाद तृतीय स्थान पर
उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग ने 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद अनुमान जारी किए, जो समावेशी आर्थिक विकास, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और सभी जिलों की सकारात्मक वृद्धि दर को दर्शाते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा वार्षिक श्रृंखला क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद अनुमान जारी कर दिए गए हैं, जो प्रदेश की समावेशी और संतुलित आर्थिक नीति की सफलता को दर्शा रहा है। प्रत्येक जनपद अपनी क्षेत्रीय विशिष्टताओं के अनुरूप उपलब्ध संसाधनों, सरकार द्वारा संचालित नीतियों, जनसहभागिता और नवाचार के साथ प्रदेश के आर्थिक विकास की दौड़ में साझेदार है।
यह जानकारी निदेशक अर्थ एवं संख्या सुश्री मालोविका घोषाल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि जिला घरेलू उत्पाद अनुमान (क्क्च्) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है, जो न केवल राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि कौनसे ज़िले आर्थिक विकास में अग्रणी हैं और किन-किन क्षेत्रों में संभावनाएं विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2023-24 में नई ऊंचाइयों को छूते हुए राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (ळैक्च्) में 13.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए रु. 25.63 लाख करोड़ पहुंच गयी है। जारी किये गये वर्ष 2023-24 के जिला घरेलू उत्पाद (क्क्च्) अनुमान के आंकड़ों के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर रु. 2.64 लाख करोड़ के साथ प्रदेश में शीर्ष स्थान पर है।
इसके बाद लखनऊ (रु.1.42 लाख करोड़) और गाज़ियाबाद (रु. 1.17 लाख करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक योगदान देने वाले शीर्ष 10 जनपद- गौतमबुद्धनगर (10.30 प्रतिशत), लखनऊ (5.53 प्रतिशत), गाजियाबाद (4.57 प्रतिशत), आगरा (3.03 प्रतिशत), कानपुर नगर (3.00 प्रतिशत), प्रयागराज (2.90 प्रतिशत), मेरठ (2.43 प्रतिशत), बरेली (2.23 प्रतिशत), गोरखपुर (2.02 प्रतिशत) एवं वाराणसी (1.99 प्रतिशत) हैं, जो प्रदेश के कुल जीडीपी में 38.00 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं। निदेशक अर्थ एवं संख्या ने बताया कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति का मुख्य आधार सभी जनपदों के विकास, राज्य सरकार की दूरदर्शिता, कुशल नीति निर्माणऔर ज़मीनी क्रियान्वयन का प्रतिफल है।
वर्ष 2023-24 के क्क्च् आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि राज्य की आर्थिक वृद्धि प्रदेश के कुछ जनपदों तक केन्द्रित न रहकर समस्त जनपदों में विस्तारित हो रही है। प्रदेश के सभी जनपदों की वृद्धि दर सकारात्मक रही है एवं 43 जनपदों की वृद्धि दर प्रादेशिक वृद्धि दर से अधिक रही है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक वृद्धिदर वाले शीर्ष 10 जनपद- महोबा (23.49 प्रतिशत), चित्रकूट (23.40 प्रतिशत), बाँदा (21.22 प्रतिशत), कासगंज (21.20 प्रतिशत), मैंनपुरी (20.47 प्रतिशत), जालौन (20.10 प्रतिशत), बदायूं (19.93 प्रतिशत), हमीरपुर (19.20 प्रतिशत), सुलतानपुर (18.93 प्रतिशत) एवं अमेठी (18.77 प्रतिशत) हैं।
राज्य की प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी देखी गई है। गौतम बुद्ध नगर में यह रु. 10.17 लाख तक पहुंच चुकी है, जो कि राष्ट्रीय औसतरु. 1.84 लाख से कहीं अधिक है। साथ ही लखनऊ और गाजियाबाद जैसे जिले भी रु. 2 लाख से अधिक प्रति व्यक्ति आय दर्ज कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 15 जनपदों ने रु. 1 लाख से अधिक प्रति व्यक्ति आय दर्ज की है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय में शीर्ष 10 जनपद गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, हमीरपुर, सोनभद्र, मेरठ, एटा, कानपुर नगर, आगरा एवं झाँसी हैं। उत्तर प्रदेश का प्रत्येक जनपद अपनी आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं का प्रतीक है।
जहां पश्चिमी जिलों में तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हो रहा है, वहीं पूर्वी और बुंदेलखंड के जिलों में पारंपरिक कृषि, हस्तशिल्प, और ग्रामीण उद्योग अब आधुनिक तकनीकों से लैस होकर विकास की नई राह पकड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (व्क्व्च्) योजना, डिफेंस कॉरिडोर, ग्रामीण डिजिटलकरण, स्टार्टअप इंडिया तथा स्वरोजगार जैसे अभियानों ने हर जिले की स्थानीय ताकतों को आर्थिक विकास की धारा में बदल दिया है। इन योजनाओं ने न केवल स्थानीय रोजगार सृजित किया है, बल्किनिवेश और बुनियादी ढांचे में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस संतुलित और समावेशी विकास मॉडल से उत्तर प्रदेश का प्रत्येक जनपद अब अपनी विशिष्ट पहचान के साथ आर्थिक प्रगति के पथ पर मजबूती से अग्रसर है, जो राज्य को देश की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश इस गति से प्रगति पथ पर चलते हुए देश की तेज़ी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। यह प्रगति न केवल उत्तर प्रदेश के आर्थिक मानचित्र को पुनर्परिभाषित करती है, बल्कि ’सशक्त जनपद, सशक्त प्रदेश’ के सपने को भी साकार करते हुए टपोपज त्ंरलं वित टपोपज ठींतंज/2047 की दिशा में सफलता के साथ अग्रसर है।