ईरान पर इज़रायल का हमला: परमाणु तनाव के बीच युद्ध की आहट
ईरान पर इजरायल ने हमला किया, तेहरान में धमाके, परमाणु संघर्ष की आशंका; अमेरिका ने भागीदारी से इनकार किया।

तेहरान में धमाकों की गूंज, इज़रायल ने 'दर्जनों' परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए हमले
परमाणु हथियारों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार तड़के इज़रायल ने ईरान पर एक बड़ा सैन्य हमला किया। इज़रायली सैन्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यह हमला ईरान के दर्जनों परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया है। वहीं, ईरान की राजधानी तेहरान में लगातार कई जोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
क्या हुआ है अब तक?
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इज़रायल के अनुसार, उसने ईरान के परमाणु हथियार निर्माण स्थलों और सैन्य बेसों पर एक साथ हमले किए हैं।
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इज़रायली सैन्य प्रवक्ता का दावा है कि ईरान के पास इतनी मात्रा में संवर्धित यूरेनियम है कि वह 15 परमाणु बम कुछ ही दिनों में बना सकता है।
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ईरान की सरकारी टीवी ने पुष्टि की कि तेहरान में कई धमाके हुए हैं और देश की वायु रक्षा प्रणाली को अलर्ट पर रखा गया है।
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इज़रायल ने संभावित जवाबी हमले की आशंका में राज्यभर में आपातकाल घोषित कर दिया है।
अमेरिका की भूमिका क्या है?
इस पूरे हमले से अमेरिका ने दूरी बना ली है। अमेरिकी प्रशासन के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में अमेरिका की कोई भागीदारी या मदद नहीं थी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को ही इस बात की आशंका जता दी थी कि "ईरान पर इज़रायली हमला हो सकता है।"
अब ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आपात कैबिनेट बैठक बुलाई है, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
ईरान की प्रतिक्रिया क्या रही?
ईरानी वायु रक्षा प्रणाली को पूर्ण सक्रिय कर दिया गया है। तेहरान की सड़कों पर अफरा-तफरी और दहशत देखी जा रही है। ईरान ने अभी तक आधिकारिक जवाबी हमले की घोषणा नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ड्रोन और मिसाइल जवाबी कार्रवाई कभी भी हो सकती है।
परमाणु तनाव क्यों बढ़ा?
अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश पिछले कुछ महीनों से ईरान पर दबाव बना रहे थे कि वह परमाणु हथियार बनाने के लिए संवर्धन को रोके। लेकिन ईरान ने दावा किया कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
इज़रायल का यह मानना है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बना रहा है और अगर उसे रोका नहीं गया तो पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में परमाणु युद्ध की स्थिति बन सकती है।
भविष्य की आशंकाएं और सवाल
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क्या यह हमला ईरान की ओर से सीधा जवाबी हमला करवाएगा?
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क्या अमेरिका इस युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होगा?
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क्या संयुक्त राष्ट्र कोई शांति प्रस्ताव लाएगा?
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क्या यह टकराव पूरे विश्व के लिए तेल की कीमतों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा?
विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया की शांति व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत है।