गायत्री हजारिका के निधन से उठे सवाल: क्या है कोलन कैंसर और कैसे बचें?
असमिया सिंगर गायत्री हजारिका के निधन से कोलन कैंसर फिर चर्चा में है। जानिए कोलन कैंसर क्या है, इसके लक्षण, बचाव के उपाय और इलाज के विकल्प।

असमिया म्यूजिक इंडस्ट्री की मशहूर गायिका गायत्री हजारिका के निधन की खबर ने उनके फैंस और संगीत जगत को गहरा दुख दिया है। केवल 44 साल की उम्र में 16 मई को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मौत की वजह कोलन कैंसर बताई जा रही है। इस दुखद घटना के बाद एक बार फिर यह सवाल उठता है कि आखिर कोलन कैंसर क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं, और कैसे समय रहते इससे बचा जा सकता है?
कोलन कैंसर क्या होता है?
कोलन कैंसर, बड़ी आंत के एक हिस्से कोलन में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से शुरू होता है। इसे कोलोरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है क्योंकि यह कैंसर कोलन और रेक्टम (मलाशय) दोनों को प्रभावित कर सकता है। बड़ी आंत हमारे पाचन तंत्र का अंतिम हिस्सा होती है, जो शरीर के उपयोग के लिए भोजन को तोड़ती है और अपशिष्ट को बाहर निकालती है।
यह बीमारी आमतौर पर उम्रदराज़ लोगों में देखी जाती है, लेकिन आजकल यह युवाओं को भी प्रभावित कर रही है। कोलन कैंसर की शुरुआत आमतौर पर पॉलीप्स नामक छोटे-छोटे ग्रंथियों से होती है, जो कोलन के अंदर बनती हैं। हालांकि ये पॉलीप्स शुरू में कैंसर नहीं होते, लेकिन समय के साथ इनमें कैंसर विकसित हो सकता है।
कोलन कैंसर के लक्षण
शुरुआती चरण में कोलन कैंसर के कोई खास लक्षण नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, कुछ संकेत सामने आने लगते हैं:
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मल त्याग की आदतों में बदलाव (दस्त, कब्ज या मल की बनावट में अंतर)
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रेक्टम से खून आना या मल में खून दिखाई देना
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पेट में ऐंठन, गैस या लगातार दर्द
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मल त्यागने के बाद भी आंत पूरी तरह से खाली न लगना
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लगातार थकान या कमजोरी
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बिना कारण के वजन कम होना
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भूख कम लगना, पेट में सूजन या सांस लेने में तकलीफ
इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक दिखाई दे तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
कोलन कैंसर से बचाव कैसे करें?
कोलन कैंसर से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी हैं:
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संतुलित आहार लें: फल, सब्जियां और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे साबुत अनाज और दालें) खाएं।
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नियमित व्यायाम करें: हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी रखें।
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धूम्रपान से बचें: यह कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
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शराब का सेवन सीमित करें: आवश्यकता से अधिक सेवन न करें।
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वजन नियंत्रित रखें: मोटापा कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
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नियमित जांच कराएं: 45 वर्ष की उम्र के बाद कोलन कैंसर की स्क्रीनिंग कराते रहना जरूरी है।
कोलन कैंसर का इलाज
कोलन कैंसर का इलाज रोग की अवस्था और व्यक्ति की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। मुख्य उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
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सर्जरी: कैंसर प्रभावित हिस्से को हटाना
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कीमोथैरेपी: कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने वाली दवाएं
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रेडिएशन थैरेपी: विकिरण की मदद से कैंसर का इलाज
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टारगेटेड थैरेपी और इम्यूनोथैरेपी: विशेष तकनीकों से कैंसर को नियंत्रित करना
गायत्री हजारिका जैसी प्रतिभाशाली कलाकार की असमय मृत्यु ने इस बीमारी की गंभीरता को उजागर किया है। यदि समय रहते कोलन कैंसर की पहचान और इलाज हो जाए, तो इससे बचा जा सकता है। जरूरी है कि हम अपने शरीर के संकेतों को समझें, नियमित जांच करवाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से है। किसी भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।