विकसित एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप है विजन डॉक्यूमेंट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, ‘मध्यप्रदेश@2047’ विजन डॉक्युमेंट से राज्य को वर्ष 2047 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित।
वर्ष 2047 तक म.प्र. बनेगा 2.5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का प्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ‘मध्यप्रदेश@2047: विजन डॉक्युमेंट राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और नागरिक जीवन की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर तक पहुँचाने का रोडमैप है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज़न डॉक्युमेंट में वर्ष 2047 तक प्रदेश को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही प्रति व्यक्ति आय 22 लाख रुपये, औसत आयु 84 वर्ष और साक्षरता दर 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया गया है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के साथ संतुलित कर राज्य को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के विज़न से प्रेरित यह दृष्टिपत्र, संपन्न, सुखद और सांस्कृतिक जड़ों को सहेजे मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने का आधार बनेगा।
जनभागीदारी से तैयार ‘समृद्ध मध्यप्रदेश@2047’ दृष्टिपत्र
यह विजन डॉक्युमेंट राज्य की अब तक की सबसे बड़ी जनभागीदारी प्रक्रिया के माध्यम से बनाया गया है। इसमें चार लाख से अधिक नागरिकों, किसानों, विद्यार्थियों, उद्योगपतियों, विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही है। राज्यभर में आयोजित जनसंवाद, निबंध प्रतियोगिताएँ, उद्योग जगत से परामर्श, शैक्षणिक सत्र और साइट इंस्पेक्शन से प्राप्त सुझावों को इसमें समाहित किया गया है। यह देश में अपनाई गई अनूठी प्रक्रिया है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन के अनुसार“यह दस्तावेज़ केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि नागरिकों की आकांक्षाओं और राज्य की सामूहिक दृष्टि का प्रतिबिंब है।
चार मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित है विजन डॉक्युमेंट
‘समृद्ध मध्यप्रदेश@2047’ विजन डॉक्युमेंट चार प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांतों पर केन्द्रित है
1. आर्थिक विकास पर फोकस – राज्य की अर्थव्यवस्था को तीव्र गति से आगे बढ़ाने, रोजगार सृजन और प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने पर विशेष फोकस रखा गया है।
2. क्षेत्रीय दृष्टिकोण और स्थानीय विशिष्टताओं का समावेश – प्रदेश के विविध भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग रणनीति बनाई गई है।
3. विकसित भारत@2047 के राष्ट्रीय विज़न में योगदान पर ध्यान – मध्यप्रदेश को भारत की विकास यात्रा का प्रमुख भागीदार बनाना इस विजन डॉक्युमेंट का प्रमुख उद्देश्य है।
4. सहभागी और समावेशी दृष्टि – यह दृष्टिपत्र नागरिकों, विशेषज्ञों, उद्योगों और प्रशासन के संयुक्त परामर्श से तैयार हुआ है, जिससे प्रत्येक हितधारक इस परिवर्तन यात्रा का भागीदार बने।
इन चार सिद्धांतों ने इस दृष्टिपत्र को संतुलित, व्यापक और यथार्थवादी दिशा प्रदान की है, जिससे यह केवल एक योजना नहीं बल्कि राज्य के भविष्य का जीवंत संकल्प बन गया है।
यह रोडमैप 6 प्रमुख पड़ाव अगली पीढ़ी कीकृषि और संबद्ध क्षेत्र, सतत औद्योगिक प्रगति, सेवा क्षेत्र का विस्तार, शहरी और ग्रामीण बुनियादी ढाँचे का विकास, विश्वस्तरीय शिक्षा और कौशल विकास और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं से विकसित मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल करेगा।
इनके साथ दो महत्वपूर्ण कारक कुशल शासन एवं नागरिक सेवा प्रदाय व्यवस्था’ और ‘नवाचार युक्त वित्तीय प्रबंधन एवं निवेश संवर्धन’ को भी विजन डॉक्युमेंट में शामिलकिया गया है।
‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025’: आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम
राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करना, औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना और ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाना है। इसके अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार, स्टार्टअप प्रोत्साहन, कौशल प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
संस्कृति और परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि विकास का अर्थ केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि समाज की सांस्कृतिक आत्मा और आध्यात्मिक पहचान को भी सशक्त करना है। “मध्यप्रदेश अपनी गौरवशाली विरासत, कला, संस्कृति और नर्मदा जैसी जीवनदायिनी परंपराओं के बल पर भारत के विकास में मार्गदर्शक भूमिका निभाएगा।”
सामूहिक प्रयासों से होगा ‘समृद्ध मध्यप्रदेश’ का सपना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों, युवाओं, उद्योगपतियों और सामाजिक संगठनों से आह्वान किया कि वे इस दृष्टिपत्र को एक जन आंदोलन के रूप में अपनाएँ। “यह विजन डॉक्युमेंट हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में पहला ठोस कदम है। सामूहिक प्रयासों से हम 2047 तक एक ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे जो आत्मनिर्भर, समृद्ध और विश्व में अग्रणी होगा।”