UP: दिल्ली से हरिद्वार जा रहे यात्रियों को गजरौला में उतारा, रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे तक मचा हंगामा

ज्येष्ठ दशहरा पर दिल्ली से हरिद्वार स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं को गजरौला रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया। रेलवे का कहना है कि वह जनरल का टिकट होने के बाद भी एसी कोच में सफर कर रहे थे। उतारे जाने पर मदद के लिए 112 पर कॉल की।

UP: दिल्ली से हरिद्वार जा रहे यात्रियों को गजरौला में उतारा, रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे तक मचा हंगामा

ज्येष्ठ दशहरा पर दिल्ली से हरिद्वार स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं को गजरौला रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया। रेलवे का कहना है कि वह जनरल का टिकट होने के बाद भी एसी कोच में सफर कर रहे थे। उतारे जाने पर मदद के लिए 112 पर कॉल की।

स्टेशन मास्टर से भी गुहार भी लगाई। मदद के लिए श्रद्धालु यात्रियों ने रात तीन बजे से सुबह साढ़े छह बजे तक हंगामा किया। मुख्य टिकट निरीक्षक और आरपीएफ की महिला सिपाही पर अभद्रता करने का आरोप लगाया।

दिल्ली के रोहिणी निवासी रचना गुप्ता, करनाल रोड निवासी ललिता, उनकी बेटी कोमल, सुनील, नीतू मिश्रा का कहना है कि उन सहित करीब 50 यात्री शनिवार की रात हरिद्वार जाने के लिए मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए। सब ज्येष्ठ दशहरा पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने जा रहे थे।

उन पर जनरल टिकट था। ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण एसी कोच में दाखिल हो गए। अंदर जगह नहीं मिली तो कोई गेट पर बैठ गया। किसी ने शौचालय में शरण लेकर सफर किया। गजरौला रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर मुख्य टिकट निरीक्षक ने उनको एसी कोच में सफर करने के रुपये मांगे।

रुपये नहीं दिए तो उनको नीचे उतार दिया। सभी ने मुख्य टिकट निरीक्षक पर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया। हंगामा बढ़ता देख उनके कुछ साथियों को दूसरी ट्रेन से रवाना कर दिया। उन्होंने खुद को भेजे जाने का प्रबंध करने के लिए कहा। स्टेशन मास्टर से भी गुहार लगाई।

112 पर कॉल की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इस बीच आरपीएफ की एक महिला सिपाही ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। रात तीन बजे से सुबह सात बजे तक कई बार हंगामा हुआ। किसी तरह लोगों ने उनको समझा कर शांत किया। मुख्य टिकट निरीक्षक की स्टेशन मास्टर से शिकायत की।

सुबह सात बजे उनको लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस से लक्सर तक भेजा गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर मयंक चौधरी का कहना है कि आरपीएफ की महिला सिपाही पर आरोप बेबुनियाद है। गाली गलौज तो यात्रियों में शामिल महिलाएं कर रही थीं। इसके बाद भी धैर्य रखते हुए उनको समझाया। दूसरी ट्रेन में बैठाकर रवाना किया।