विवि दीक्षांत समारोह: मेडल पर बेटियों का दबदबा, बोलीं- सेल्फ स्टडी पर फोकस... अच्छे माहौल से हर लक्ष्य आसान

उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 89वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।

विवि दीक्षांत समारोह: मेडल पर बेटियों का दबदबा, बोलीं- सेल्फ स्टडी पर फोकस... अच्छे माहौल से हर लक्ष्य आसान

उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 89वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।

उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 89वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल कुल 77 विद्यार्थियों को 120 मेडल प्रदान किया। इसमें 51.67 फीसदी यानी 62 मेडल तो सिर्फ 19 विद्यार्थियों को ही मिले। बाकी 58 विद्यार्थियों को एक-एक मेडल दिए गए।

एसएन मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल की छात्रा प्राची गुप्ता गोल्डन गर्ल बनीं। इन्हें 10 गोल्ड मेडल मिले। नारायण कॉलेज, शिकोहाबाद की एमए हिंदी की छात्रा निवेदिता सिंह को पांच गोल्ड मेडल मिले। 

वहीं सेंट जोंस कॉलेज की एमए अर्थशास्त्र की छात्रा श्रुति माहेश्वरी और विवि के पालीवाल पार्क परिसर स्थित समाज विज्ञान संस्थान के एमएसडब्ल्यू के छात्र श्रेष्ठ वर्धन शुक्ला को चार-चार मेडल मिले। अमर उजाला ने गोल्डन गर्ल प्राची गुप्ता, निवेदिता सिंह और श्रुति माहेश्वरी से बात की। 

जितनी देर पढ़ें... मन लगाकर पढ़ें, घंटें गिनना जरूरी नहीं

गोल्डन गर्ल प्राची गुप्ता ने कहा कि आगे चलकर वह मेडिसिन विभाग में अपना करियर बनाना चाहती हैं। इसलिए वह उसी दिशा में पढ़ाई के लिए आगे बढ़ेंगी। तैयारी और पढ़ाई को लेकर कहा कि जितनी देर मन लगे उतनी देर पढ़ाई करें। पढ़ाई करने का समय सभी का अलग-अलग हो सकता है। लेकिन, लक्ष्य पता होना चाहिए। 

सेल्फ स्टडी पर हो सर्वाधिक फोकस 

वहीं निवेदिता सिंह ने कहा कि उनका सेलेक्शन पीसीएस में टैक्स असिस्टेंट ऑफिसर के पद पर चयन हो गया है। लेकिन, अभी वह यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। कहा कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सेल्फ स्टडी सबसे जरूरी होती है। यदि आपको कुछ समस्या आ रही है तो सिर्फ गाइडेंस के लिए कोचिंग कर सकते हैं। सेल्फ स्टडी पर सर्वाधिक फोकस करना चाहिए। 

पढ़ाई के लिए माहौल जरूरी

चार गोल्ड मेडल पाने वाली श्रुति माहेश्वरी ने कहा कि उन्हें पीएचडी करके हिंदी विषय का प्रोफेसर बनना है। पढ़ाई को लेकर कहा कि माहौल बहुत मायने रखता है। उनकी दो बड़ी बहनें भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं। अब उन्हें चार गोल्ड मेडल मिल रहे हैं। बताया कि उनके पिता प्रोफेसर हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर वह प्रोफेसर बनना चाहती हैं। 

75.84 फीसदी पदक छात्राओं को...

बताते तलें कि दीक्षांत समारोह में 75.84 फीसदी मेडल छात्राओं के नाम रहे। महज 24.16 फीसदी मेडल ही छात्रों के हिस्से आए। 120 में से 91 पदक छात्राओं व 29 छात्रों को दिए गए। इसके अलावा सेंट जोंस कॉलेज की बीएससी तृतीय वर्ष की इला अहमद, एसएन मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल की विशिका हरपलानी व श्री सुरेश चंद्र सिंघल महाविद्यालय की बीए तृतीय वर्ष की भावना उपाध्याय को तीन-तीन मेडल दिए गए। वहीं, 12 मेडल ऐसे हैं जो 2-2 विद्यार्थियों को दिए गए।