Aligarh Court: मुल्जिम गए स्वर्ग सिधार, अदालतों में लग रही हाजिर होने को पुकार
स्थानीय अदालत में चल रहे दशकों पुराने मुकदमों में कोई फैसला भले ही नहीं हुआ हो लेकिन इस दौरान एक बड़ी संख्या ऐसे मुल्जिमों की है जिनकी मौत हो चुकी है। लेकिन स्थिति यह है कि पुलिस इनकी मौत की रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकी है।

स्थानीय अदालत में चल रहे दशकों पुराने मुकदमों में कोई फैसला भले ही नहीं हुआ हो लेकिन इस दौरान एक बड़ी संख्या ऐसे मुल्जिमों की है जिनकी मौत हो चुकी है। लेकिन स्थिति यह है कि पुलिस इनकी मौत की रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकी है। जिसके चलते अदालतों में इनके नाम की पुकार अभी तक लगती है। स्थानीय अदालत में विचाराधीन करीब 25 हजार मुकदमों में से 20 फीसदी, यानि पांच हजार मुकदमे डेढ़ से दो दशक लंबी अवधि के विचाराधीन हैं।
केस-1
चंद्रपाल और ब्रजेश की मौत हो चुकी लेकिन मुकदमे में आज भी जिंदा
फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) में थाना दादों क्षेत्र का राज्य बनाम चंद्रपाल नाम से चल रहे डकैती के मुकदमे में 11 आरोपियों के नाम हैं। 2012 में दादों में हुई घटना में आरोपियों पर घर में घुसकर डकैती डालने, मारपीट करने और बंधक बनाने के आरोप में मुकदमा शुरू हुआ। इन आरोपियों में से अब चंद्रपाल और राम ब्रजेश की मौत हो चुकी है। लेकिन थाना पुलिस ने इनकी मौत की रिपोर्ट अदालत में दाखिल ही नहीं की है।