डिप्रेशन की दवाएं: स्वास्थ्य पर संभावित खतरनाक प्रभाव और इनसे छुटकारा पाने की चुनौतियां
अगर आप भी डिप्रेशन की दवा ले रहे हैं, तो आपको इसके खतरनाक परिणामों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।

अगर आप भी डिप्रेशन की दवा ले रहे हैं, तो आपको इसके खतरनाक परिणामों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। हाल ही में अमेरिकी हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने डिप्रेशन की दवाओं को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए डिप्रेशन की दवा छोड़ना हेरोइन छोड़ने से भी ज्यादा कठिन हो सकता है। इस बयान के बाद से डिप्रेशन की दवाओं के प्रभाव और इससे जुड़ी समस्याओं पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। विशेष रूप से, SSRI (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors) दवाओं का जिक्र किया गया है। आइए जानते हैं डिप्रेशन की दवाओं के संभावित साइड इफेक्ट्स और इनसे बचने के उपाय।
डिप्रेशन की दवाएं क्यों खतरनाक हो सकती हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि SSRI दवाएं जो आमतौर पर डिप्रेशन के इलाज के लिए दी जाती हैं, अगर इनका सेवन अचानक से बंद कर दिया जाए, तो कई लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन दवाओं में पैरोक्सेटाइन और फ्लूवोक्सामिने जैसी दवाएं शामिल हैं, जो करीब 7% लोगों में SSRI छोड़ने का सिंड्रोम उत्पन्न कर सकती हैं। वहीं, सेर्ट्रालीन और फ्लुओक्सेटीन जैसे दवाओं का सेवन लंबे समय तक करने पर सिंड्रोम सिर्फ 2% लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन जब इन दवाओं को अचानक से बंद किया जाता है, तो 40% लोगों में सिंड्रोम देखने को मिल सकता है।
SSRI छोड़ने का सिंड्रोम क्या है?
यह सिंड्रोम तब उत्पन्न होता है जब शरीर में सेरोटोनिन की मात्रा अचानक कम हो जाती है। सेरोटोनिन वह रसायन है जो हमारे मस्तिष्क और शरीर के सही कार्य को बनाए रखता है। इसकी कमी से मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:
- चक्कर आना
- सिरदर्द
- थकान
- जी मिचलाना
- तनाव
इन समस्याओं के चलते व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी हो सकती है।
डिप्रेशन की दवा और हेरोइन में क्या समानताएं हैं?
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हेरोइन को छोड़ना जितना कठिन होता है, उतना ही कठिन डिप्रेशन की दवाओं से छुटकारा पाना भी हो सकता है। हेरोइन शरीर में म्यू ओपिओइड रिसेप्टर्स को एक्टिव करता है, जो दर्द को कम करता है और नशे की अनुभूति उत्पन्न करता है। जब इसका सेवन बंद किया जाता है, तो तनाव, जी मिचलाना, दस्त, पेट में ऐंठन, और बुखार जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कई अध्ययन यह दर्शाते हैं कि हेरोइन छोड़ने की प्रक्रिया लंबी और गंभीर हो सकती है।
हालांकि, डिप्रेशन की दवाओं से छुटकारा पाना भी कठिन हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दोनों ही कंडीशन में अंतर है। डिप्रेशन की दवाओं को छोड़ने के लक्षण अक्सर सामान्य होते हैं और समय के साथ ठीक हो जाते हैं, लेकिन हेरोइन छोड़ने की प्रक्रिया अधिक कठिन और लंबे समय तक प्रभाव डालने वाली हो सकती है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि firstpagenews.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.