अनियमित पीरियड्स से हो सकती हैं लिवर संबंधी समस्याएं, जानें कारण और समाधान
पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह न केवल प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं, बल्कि महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति को भी दर्शाते हैं।

पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह न केवल प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं, बल्कि महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति को भी दर्शाते हैं। आमतौर पर 12 वर्ष की आयु के बाद पीरियड्स शुरू होते हैं और 40 से 45 वर्ष की उम्र तक जारी रहते हैं। हालांकि, हर महिला का मासिक धर्म चक्र अलग होता है। कुछ महिलाओं के लिए यह तीन दिनों तक सामान्य रूप से चलता है, जबकि कुछ के लिए यह पांच दिनों तक असहनीय दर्द और असुविधा से भरा हो सकता है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव, मूड स्विंग और शारीरिक असहजता जैसी कई समस्याएं देखी जाती हैं। कई बार महिलाएं इन बदलावों को नजरअंदाज कर देती हैं, जो भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आशा आयुर्वेद की निदेशक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, आधुनिक जीवनशैली में आए बदलावों के कारण महिलाओं को मासिक धर्म की अनियमितता का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या आगे चलकर गंभीर बीमारियों का रूप भी ले सकती है।
अनियमित पीरियड्स और लिवर से जुड़ी समस्याएं
यू.एस. ऑफिस ऑन विमेन हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनियमित पीरियड्स के कारण महिलाओं को लिवर संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। आमतौर पर महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 24 से 38 दिनों के बीच होता है। लेकिन जिन महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होते हैं, उनमें नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) होने की संभावना अधिक होती है। यह जोखिम उन महिलाओं की तुलना में ज्यादा देखा जाता है जिनका मासिक धर्म चक्र 26 से 30 दिनों के बीच नियमित रूप से चलता है।
इसका मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है। जब महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और फैटी लिवर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। लिवर शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने का कार्य करता है, और जब इसका कार्य प्रभावित होता है, तो संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
अनियमित पीरियड्स को ठीक करने के उपाय
अगर आप अपने जीवनशैली में सही बदलाव करें तो अनियमित पीरियड्स की समस्या से बचा जा सकता है और लिवर को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम अपनाने चाहिए:
- स्वस्थ वजन बनाए रखें – वजन बढ़ने या अत्यधिक कम वजन होने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
- नशे से बचें – शराब और सिगरेट का सेवन हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे मासिक धर्म चक्र प्रभावित हो सकता है।
- नियमित व्यायाम करें – योग और हल्के व्यायाम करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं और लिवर स्वस्थ बना रहता है।
- संतुलित आहार लें – हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करने से शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है, जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं।
- तनाव कम करें – अत्यधिक तनाव लेने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है। ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लेने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
पीरियड्स की अनियमितता को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। सही जीवनशैली अपनाकर और संतुलित आहार लेकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर समस्या लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि किसी भी संभावित बीमारी को समय रहते रोका जा सके।