पूर्णिया- अनोखे अंदाज में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग

वंदे भारत एक्सप्रेस ने रेल यात्रा के क्षेत्र में नई क्रांति लाई है। पूर्णिया के सामाजिक संगठन ने अनोखे अंदाज में वंदे भारत की मांग की है, जो लोगों को खूब पसंद आ रही है।

पूर्णिया- अनोखे अंदाज में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग

उमस भरी गर्मी में पूर्णिया के सड़कों पर एक सामाजिक संगठन के लोग गांधीगिरी करते नजर आ रहे हैं। संगठन के लोग राहगीरों को बुला-बुलाकर पौधे बांट रहे हैं, साथ ही पर्यावरण बचाने की अपील कर रहे हैं। हालांकि इन पौधों को बांटने के पीछे इनकी मनसा कुछ और ही है। जी हां, आपने सही सुना, यह सभी लोग पौधे बांटकर भारत सरकार से पूर्णिया के लिये वंदे भारत ट्रेन की मांग कर रहे हैं। पूर्णिया बिहार के सबसे पुराने जिलों में शामिल है। अगल-बगल के जिले को सरकार ने वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी है। लेकिन पूर्णिया अभी तक इस सौगात से वंचित है। इस संगठन के लोगों का कहना है कि वंदे भारत मिलने से पूर्णिया के विकास को रफ्तार मिलेगी।

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि बिहार के दूसरे जिलों में डबल इंजन सरकार का फायदा दिख रहा है। ऐसे में पूर्णिया क्यों पीछे रहे। पूर्णिया से भी वंदे भारत का परिचालन होना चाहिये।

वंदे भारत ट्रेन ने रेल यात्रा के सफर को सुगम और आसान बना दिया है। यही वजह है कि इसकी मांग अब बढ़ने लगी है। देश में फिलहाल अभी पचास से ज्यादा वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है। केन्द्र सरकार ने मार्च दो हजार सताइस तक चार सौ वंदे भारत ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पूर्णिया को भी जल्द ही सौगात मिल सकती है।