काशी तमिल संगमम: महर्षि अगस्त्य की विरासत और काशी-तमिलनाडु का सांस्कृतिक संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस वर्ष काशी तमिल संगमम की थीम '4S - संत परंपरा, साइंटिस्ट, समाज सुधारक और स्टूडेंट' पर आधारित है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस वर्ष काशी तमिल संगमम की थीम '4S - संत परंपरा, साइंटिस्ट, समाज सुधारक और स्टूडेंट' पर आधारित है। इस आयोजन को महर्षि अगस्त्य की विरासत को केंद्र में रखकर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महर्षि अगस्त्य को तमिलनाडु और उत्तर भारत में समान रूप से श्रद्धा भाव से पूजनीय माना जाता है। उत्तराखंड में उनके नाम पर एक स्थान भी है, और काशी सहित कई स्थानों पर उनके नाम से जुड़े मंदिर हैं, जो उनकी विरासत को संजोए हुए हैं।
महर्षि अगस्त्य की भूमिका और आध्यात्मिक धरोहर
मुख्यमंत्री ने महर्षि अगस्त्य के ज्ञान और योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर एक तराजू में महर्षि अगस्त्य को रखा जाए और दूसरे में उत्तर भारत की समस्त ज्ञान परंपरा को रखा जाए, तो भी उनका स्वरूप विराट रहेगा। उन्होंने कहा कि महर्षि अगस्त्य ने उत्तर और दक्षिण भारत को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य किया और संस्कृत व तमिल भाषा के ज्ञान को समृद्ध किया।
काशी में बाबा विश्वनाथ की नगरी, कालभैरव, मां अन्नपूर्णा, मां विशालाक्षी और गंगा के पवित्र घाटों की महिमा को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। काशी प्राचीन काल से भारत की आध्यात्मिक, ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र रही है।
काशी की यातायात और भीड़ प्रबंधन का हवाई निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 40 मिनट तक काशी और नेशनल हाईवे की यातायात व्यवस्था का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने गंगा घाटों, श्री काशी विश्वनाथ धाम और श्रद्धालुओं की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था का जायजा लिया और इससे संतुष्टि जताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महाशिवरात्रि तक भीड़ प्रबंधन और यातायात को सुचारू रूप से संचालित किया जाए, ताकि श्रद्धालु काशी में सुखद अनुभव प्राप्त कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश
काशी तमिल संगमम के आयोजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शुभकामना संदेश भेजा, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु और काशी के बीच कावेरी और गंगा जैसी अटूट सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संबंध हैं, जो हजारों साल पुराने हैं। उन्होंने संगमम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस वर्ष के आयोजन में महर्षि अगस्त्य के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और शास्त्रीय तमिल साहित्य में उनके योगदान को विशेष रूप से याद किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि काशी आने वाले तमिलनाडु के लोग अपने साथ अविस्मरणीय स्मृतियां लेकर जाएंगे।