कम नींद से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा

नींद एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यह न केवल याददाश्त और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाती है,

कम नींद से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा

नींद एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यह न केवल याददाश्त और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाती है, बल्कि एकाग्रता को बढ़ाने, शरीर की मरम्मत करने, हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रतिदिन लगभग 7 से 8 घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और यह व्यक्ति को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाती है।

हाल के वर्षों में कुछ शोधों में यह पाया गया है कि अपर्याप्त नींद से संक्रामक बीमारियों के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। चूंकि वैश्विक स्तर पर लगभग 18.4% मौतें संक्रामक बीमारियों के कारण होती हैं, ऐसे में उन कारकों की पहचान करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं—विशेष रूप से जब वे कारक ऐसे हों जिन्हें बदला जा सकता है।

चीन के साउदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है, जिसका उद्देश्य नींद और संक्रमणों के बीच संबंध को और बेहतर समझना था। इसके लिए उन्होंने UK Biobank नामक एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य डाटाबेस से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया। यह अध्ययन Translational Psychiatry नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि अच्छी नींद की आदतें संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम कर सकती हैं।

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक होंग-मिन ली और शी-रू झांग ने बताया कि नींद से जुड़ी आदतें ऐसे कारक हैं जिन्हें बदला जा सकता है और ये संक्रमण के खतरे को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने इस अध्ययन में बताया कि नींद की कई आदतों का सम्मिलित प्रभाव संक्रमण के जोखिम पर किस प्रकार पड़ता है, इस बारे में अभी तक बहुत कम जानकारी उपलब्ध थी। इसलिए उन्होंने UK Biobank में शामिल 3,97,523 लोगों के नींद के पैटर्न और अस्पताल में संक्रमण के कारण भर्ती होने की दरों का विश्लेषण किया।

शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों की नींद की अवधि प्रतिदिन औसतन 7 से 8 घंटे रही और जिन्होंने अच्छी गुणवत्ता की नींद ली, वे संक्रमणों के कारण अस्पताल में कम भर्ती हुए। "स्वस्थ नींद" को उन आदतों के आधार पर परिभाषित किया गया जिनमें उचित नींद की अवधि, जल्दी सोने का स्वभाव (early chronotype), अनिद्रा न होना और दिन में अत्यधिक नींद न आना शामिल था।

करीब 13.5 वर्षों की फॉलो-अप अवधि के दौरान कुल 60,377 लोग किसी न किसी संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए। लेकिन जिन प्रतिभागियों की नींद की आदतें स्वस्थ मानी गईं, उनमें अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम स्पष्ट रूप से कम पाया गया। शोध में यह भी बताया गया कि नींद की आदतों में एक अंक की वृद्धि से संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 9% (सेप्सिस के मामले में) से लेकर 20% (लीवर संक्रमण के मामलों में) तक कम हो गया।

शोधकर्ताओं ने यह भी उल्लेख किया कि अगर सभी प्रतिभागी चार प्रमुख स्वस्थ नींद व्यवहारों का पालन करते, तो 10% से अधिक संक्रमणों से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने के मामलों को रोका जा सकता था। विशेष रूप से 65 वर्ष से कम उम्र के लोगों और महिलाओं में इस सकारात्मक प्रभाव की संभावना अधिक पाई गई।

यह अध्ययन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे ऐसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आकार दिया जा सके जो नींद की आदतों को सुधारकर गंभीर संक्रमणों से बचाव में सहायक बनें। साथ ही, यह अन्य शोधकर्ताओं को भी प्रेरित कर सकता है कि वे नींद और संक्रमण के बीच के संबंधों को और गहराई से समझने के लिए अध्ययन करें, जिससे इन दोनों के बीच की जैविक प्रक्रियाओं पर भी नई रोशनी पड़ सकती है।