नई ताकत, नया संदेश: INS सूरत की सफलता के बीच भारत ने दिखाई सैन्य और कूटनीतिक सख्ती

अरब सागर में इस हफ्ते भारत के स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) से एक तेज़ और नीचे उड़ रहे लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा।

नई ताकत, नया संदेश: INS सूरत की सफलता के बीच भारत ने दिखाई सैन्य और कूटनीतिक सख्ती

अरब सागर में इस हफ्ते भारत के स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) से एक तेज़ और नीचे उड़ रहे लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। यह परीक्षण केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। भारतीय नौसेना के अनुसार यह परीक्षण युद्ध जैसी वास्तविक परिस्थितियों में किया गया, जिसमें प्रणाली की उच्च सटीकता साबित हुई।

यह मिसाइल प्रणाली भारत और इज़रायल के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है और यह 70 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। इसका मकसद समुद्र की सतह के पास उड़ने वाले खतरों को निष्क्रिय करना है। नौसेना ने इसे देश की रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह भारत की स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और संचालन क्षमता में बढ़ती ताकत का परिचायक है।

परीक्षण की टाइमिंग भी ध्यान खींचने वाली रही। यह घटना ऐसे वक्त हुई जब पाकिस्तान ने अपने समुद्री क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण को लेकर चेतावनी जारी की थी। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक बाद यह घटनाक्रम सामने आया, जिससे क्षेत्र में तनाव और गहरा गया है।

पहलगाम के बायसरन घास के मैदान में हुए इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। यह हमला पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने किया था। सरकार ने इसे सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद करार दिया है और सुरक्षा तैयारियों को तुरंत तेज़ कर दिया गया है।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। दो घंटे से अधिक चली बैठक में हमले की कड़ी निंदा की गई और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में पाकिस्तान से जुड़े संबंध स्पष्ट रूप से सामने रखे गए।

इस बीच पाकिस्तान ने मंगलवार रात 9:30 बजे अपने विशेष समुद्री क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण की जानकारी दी। यह परीक्षण 24 और 25 अप्रैल के बीच प्रस्तावित है। भारतीय खुफिया और रक्षा एजेंसियां इसे बेहद सतर्कता से देख रही हैं।

भारत ने भी इस घटनाक्रम पर तुरंत और कड़े कदम उठाए। 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया गया है और अटारी एकीकृत चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही, SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर रोक लगा दी गई है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत अब 'व्यवसाय जैसा सामान्य' नहीं मानेगा जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस और प्रमाणिक कदम नहीं उठाता। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले की याद दिलाता है, जिसने भारत-पाक संबंधों को गहरे संकट में डाल दिया था और जिसके बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक हुई थी।

INS सूरत की मिसाइल सफलता भारत की सैन्य क्षमता में विश्वास को मजबूत करती है और यह दिखाता है कि भारत अब सैन्य, कूटनीतिक और रणनीतिक तीनों स्तरों पर एक साथ जवाब देने को तैयार है। जैसे-जैसे मिसाइल अलर्ट, युद्धपोत परीक्षण और कूटनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो रही है, पूरे क्षेत्र की निगाहें भारत-पाकिस्तान पर टिकी हैं।