ऑपरेशन सिंदूर से आतंक के खिलाफ भारत का सख्त संदेश: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का उदाहरण बताया और श्री नारायण गुरु-महात्मा गांधी संवाद की शताब्दी पर उनके विचारों को समर्पित भाषण दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब इस स्थिति में है कि जो कोई भी हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाएगा, उसके लिए दुनिया में कोई सुरक्षित जगह नहीं बचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की रक्षा नीति अब पूरी तरह राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर तय की जाती है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को आत्मनिर्भर भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक बताया, जिसमें भारतीय सेना ने केवल 22 मिनट में दुश्मन को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया। इसमें पूरी तरह से भारत में बने हथियारों का प्रयोग हुआ।
मोदी ने भरोसा जताया कि भारत में बनाए गए रक्षा उपकरण जल्द ही वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त करेंगे और भारत रक्षा निर्यातक के रूप में उभरेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब विदेशी हथियारों पर अपनी निर्भरता को तेजी से कम कर रहा है।
श्री मोदी ने श्री नारायण गुरु को मानवता के लिए प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि उन्होंने बिना किसी डर के समानता, सत्य और सेवा की भावना से समाज में बदलाव की नींव रखी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी वह शोषित और वंचित वर्गों के लिए कोई निर्णय लेते हैं, तो उन्हें श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं की याद आती है।
उन्होंने कहा कि श्री नारायण गुरु ने योग और वेदांत की शिक्षाओं को समाज सेवा से जोड़ा और आध्यात्मिकता को सामाजिक सुधार का माध्यम बनाया। उनकी इसी सोच की सराहना महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महापुरुषों ने भी की थी।
प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक पहलों जैसे ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’, ‘एक सूर्य, एक पृथ्वी, एक ग्रिड’ और G-20 के ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये सभी प्रयास ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से प्रेरित हैं।
प्रधानमंत्री ने समावेशी विकास की बात करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना का ज़िक्र किया और कहा कि ये घर सिर्फ छत नहीं बल्कि गरिमा और आत्मबल का प्रतीक हैं। उन्होंने ‘स्किल इंडिया’ अभियान को युवाओं को सशक्त करने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन, सांसद अदूर प्रकाश और शिवगिरी मठ के संतों ने भी अपने विचार रखे। यह शताब्दी समारोह उस ऐतिहासिक संवाद की याद में आयोजित किया गया, जो 12 मार्च, 1925 को महात्मा गांधी की यात्रा के दौरान श्री नारायण गुरु के साथ हुआ था। इस संवाद में वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अहिंसा, अस्पृश्यता उन्मूलन, मोक्ष प्राप्ति और दलित उत्थान जैसे विषयों पर चर्चा हुई थी।
यह आयोजन भारत के सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक समरसता के मूल्यों को दोहराने और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाने का अवसर बना।