दूसरे देशों से मोबाइल मंगाने वाला देश अब खुद करने लगा एक्सपोर्ट, PLI स्कीम से ऐसे भारत बढ़ रहा आगे
PLI Scheme: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इस हफ्ते राज्यसभा में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए उत्पादन लिंक्ड योजना (PLI) का परफॉर्मेंस बढ़िया है.

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इस हफ्ते राज्यसभा में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए उत्पादन लिंक्ड योजना (PLI) का परफॉर्मेंस बढ़िया है. इसके चलते दिसंबर 2024 तक टोटल 10,213 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट हुआ है.
जितिन प्रसाद ने लिखित रूप से बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत 662,247 करोड़ रुपये का प्रोडक्शन हुआ है और 137,189 लोगों को रोजगार मिला. इसी स्कीम के कारण मोबाइल फोन का प्रोडक्शन 2014-15 में लगभग 60 मिलियन से बढ़कर 2023-24 में लगभग 330 मिलियन हो गया. यह पिछले 10 सालों में मोबाइल फोन की संख्या में 5 गुना से अधिक की बढ़त है.
मोबाइल इम्पोर्ट करने वाला देश अब बना एक्सपोर्ट्स
उन्होंने आगे जानकारी दी कि अगर वैल्यू की बात करें तो मोबाइल फोन का प्रोडक्शन 2014-15 में 19,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 422,000 करोड़ रुपये हो गया है, जो CAGR में 41 परसेंट की बढ़त को दर्शाता है. जितिन प्रसाद ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों की वजह से 2014-15 तक दूसरे देशों से मोबाइल इम्पोर्ट करने वाला देश अब एक्सपोर्ट्स बन गया है.
अब ये चीजें भी भारत में बनने लगीं
इसके अलावा, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम के शुरू होने के बाद से मोबाइल फोन का निर्यात 2020-21 में 22,868 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 129,074 करोड़ रुपये हो गया है, जो CAGR में 78 परसेंट की बढ़त है. इसी के साथ, जहां 2015 तक भारत में जितने भी मोबाइल फोन बिके उनसे से 74 परसेंट दूसरे देशों से मंगाए गए थे, जबकि अब भारत में इस्तेमाल किए जा रहे 99.2 परसेंट मोबाइल हैंडसेट भारत में ही बनाए जा रहे हैं. मोबाइल फोन के अलावा अब बैटरी, चार्जर, पीसीबीए, कैमरा मॉड्यूल, डिस्प्ले मॉड्यूल, एनक्लोजर, यूएसबी केबल, फेराइट और ग्लास कवर तक अपने देश में बनने लगी हैं.
क्या है पीएलआई स्कीम?
साल 2020 में आत्मनिर्भर भारत कैम्पेन के तहत शुरू किए गए इस स्कीम का मकसद देश में Production और Manufacturing को बढ़ावा देना और आयात बिलों में कटौती करना है. इस स्कीम के तहत सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 1.97 लाख करोड़ का अलग-अलग मद में प्रोत्साहन देगी. इसके लिए सरकार ने 13 सेक्टरों का चयन किया.