मिथेन से बने बायोप्लास्टिक स्ट्रॉ निकले सबसे पर्यावरण हितैषी: शोध

नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी और WHOI के शोध में खुलासा हुआ है कि ग्रीन बताई जाने वाली कई स्ट्रॉ पर्यावरण अनुकूल नहीं हैं। मिथेन से बने बायोप्लास्टिक स्ट्रॉ सबसे टिकाऊ और तेजी से नष्ट होने वाले पाए गए।

मिथेन से बने बायोप्लास्टिक स्ट्रॉ निकले सबसे पर्यावरण हितैषी: शोध

प्लास्टिक स्ट्रॉ को लंबे समय से पर्यावरण प्रदूषण का बड़ा कारण माना जाता है। ये लैंडफिल में सड़ते नहीं, समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं और सालों तक मौजूद रहते हैं। इसी कारण कंपनियां अब ग्रीन और बायोडिग्रेडेबल स्ट्रॉ बाजार में ला रही हैं। लेकिन क्या ये वास्तव में पर्यावरण हितैषी हैं?

नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी और WHOI (Woods Hole Oceanographic Institution) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में 13 तरह की स्ट्रॉ का परीक्षण किया—जिनमें पेपर, बायोप्लास्टिक, ऑयस्टर शेल और अन्य फाइबर आधारित स्ट्रॉ शामिल थीं।

शोध में सबसे चौंकाने वाला परिणाम यह रहा कि मिथेन से बनी बायोप्लास्टिक (PHA) स्ट्रॉ सबसे ज्यादा पर्यावरण अनुकूल निकली। यह स्ट्रॉ ग्रीनहाउस गैस मिथेन को स्रोत से पकड़कर बनाई जाती है। मिथेन कार्बन डाइऑक्साइड से 28 गुना ज्यादा हानिकारक गैस है। माइक्रोब्स मिथेन खाकर बायोप्लास्टिक बनाते हैं और यही सामग्री स्ट्रॉ में प्रयोग होती है। इस्तेमाल के बाद यह स्ट्रॉ मिट्टी में आसानी से कम्पोस्ट हो जाती है और प्राकृतिक चक्र पूरा करती है।

WHOI की समुद्री जल प्रयोगशाला में पाया गया कि यह स्ट्रॉ समुद्री पानी में तेजी से नष्ट हो गई। दूसरी ओर, पेपर स्ट्रॉ भले ही जल्दी टूटती हों, लेकिन उनमें ज्यादा सामग्री उपयोग होने और पानी की अत्यधिक खपत के कारण वे कम टिकाऊ मानी गईं।

कुछ स्ट्रॉ जिन्हें ऑयस्टर शेल या एगावे फाइबर से बना बताया गया, उनमें पॉलीप्रोपाइलीन पाया गया जो बिल्कुल भी नष्ट नहीं हुआ। कई स्ट्रॉ को केवल हरे या भूरे रंग से पर्यावरण हितैषी दिखाने की कोशिश की गई।

शोधकर्ताओं का कहना है कि कई उत्पाद कम्पोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल होने का दावा करते हैं, लेकिन समुद्री वातावरण में इनके टूटने के प्रमाण बहुत कम हैं।

अगर डिस्पोजेबल स्ट्रॉ का उपयोग करना ही है, तो सबसे हल्की और मिथेन से बनी बायोप्लास्टिक स्ट्रॉ चुनें और उसे कम्पोस्ट में डालें। यही सबसे टिकाऊ और पर्यावरण हितैषी विकल्प है।