कानून मंत्री बोले- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1975 में पहली बार देश को बताई थी संविधान की ताकत

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को आपातकाल की घटना को संविधान पर सबसे बड़ी चोट के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि इसी संगमनगरी ने संविधान की रक्षा भी की और उसकी ताकत का भी देश को अहसास कराया है।

कानून मंत्री बोले- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1975 में पहली बार देश को बताई थी संविधान की ताकत

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को आपातकाल की घटना को संविधान पर सबसे बड़ी चोट के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि इसी संगमनगरी ने संविधान की रक्षा भी की और उसकी ताकत का भी देश को अहसास कराया है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सुरक्षित और गरिमामयी 75 वर्ष की यात्रा इसी संविधान के आदर और न्याय की अवधारणा की देन है। इस दौरान उन्होंने रिमोट दबाकर हमारा संविधान हमारा सम्मान पोर्टल को लांच किया।

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के कन्वेंशन सेंटर में हमारा संविधान-हमारा सम्मान अभियान के तहत आयोजित क्षेत्रीय स्तर के देश के तीसरे सम्मेलन में केंद्रीय न्याय मंत्री ने समारोह में बार-बेंच के संगम को सराहा। उन्होंने जहां संविधान में कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिक रूपी त्रिवेणी को लोकतंत्र का सबसे खूबसूरत उपहार बताया तो वहीं वह अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद और महाकवि निराला को याद करना नहीं भूले।

उन्होंने कहा कि 1947 में भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ आजाद हुए थे। स्वतंत्रता काल के इस सफर में कहीं गृह युद्ध तो कहीं सैनिक शासन जैसी स्थिति पैदा हुई। लेकिन, भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सुरक्षित प्रवेश कर गया है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की यह सुरक्षित यात्रा सिर्फ भारत के संविधान की वजह से पूरी हुई है। हम तरक्की की राह पर विकसित भारत का संकल्प पूरा करने की ओर अग्रसर हैं। न्याय मंत्री मेघवाल ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करने से पहले बाबा साहेब ने कहा था कि हम एक विरोधाभाषी युग में प्रवेश करने जा रहे हैं। उनका कहना था कि 26 जनवरी 1950 को राजनीतिक समानता तो मिलेगी, लेकिन सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में असमानता रहेगी। ऐसे में हमें उस सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए। इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति एमके गुप्ता और प्रमुख सचिव न्याय राज कुमार गोयल उपस्थित थे।