भारत बनेगा iPhone निर्माण का ग्लोबल हब: टिम कुक के बयान से साफ हुआ बड़ा बदलाव

एपल के CEO टिम कुक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ऐसा बयान दिया है जिसने तकनीकी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींच लिया है। उन्होंने कहा है कि भविष्य में अमेरिका में बिकने

भारत बनेगा iPhone निर्माण का ग्लोबल हब: टिम कुक के बयान से साफ हुआ बड़ा बदलाव

एपल के CEO टिम कुक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ऐसा बयान दिया है जिसने तकनीकी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींच लिया है। उन्होंने कहा है कि भविष्य में अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर iPhone अब भारत में ही बनाए जाएंगे। यह बयान सिर्फ उत्पादन को लेकर नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका को लेकर एक बड़ा संकेत है। यह साफ हो गया है कि भारत अब केवल एक उपभोक्ता बाजार नहीं रह गया है, बल्कि एपल के लिए एक मजबूत उत्पादन केंद्र बनता जा रहा है।

टिम कुक का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब भारत में iPhone का निर्माण पहले से ही तेजी से बढ़ रहा है। मार्च 2024 से मार्च 2025 के बीच भारत में करीब 22 बिलियन डॉलर यानी लगभग ₹1.88 लाख करोड़ के iPhone बनाए जा चुके हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि है। इस वृद्धि ने एपल को यह यकीन दिला दिया है कि भारत उसकी उत्पादन रणनीति में एक अहम भूमिका निभा सकता है।

एपल के इस झुकाव की सबसे बड़ी वजह चीन पर निर्भरता घटाना है। बीते कुछ वर्षों में चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव, उच्च टैरिफ और कोविड जैसी वैश्विक चुनौतियों ने एपल को वैकल्पिक विकल्पों की तलाश में धकेला। भारत और वियतनाम दो ऐसे देश बनकर उभरे जहां कंपनियों को उत्पादन के लिए बेहतर माहौल और सरकारी समर्थन मिला। भारत में श्रम लागत अपेक्षाकृत कम है और सरकार की 'मेक इन इंडिया' जैसी नीतियां कंपनियों को आकर्षित कर रही हैं। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए जरूरी ढांचा भी तेजी से तैयार किया जा रहा है।

भारत में आईफोन के निर्माण का मुख्य केंद्र तमिलनाडु और कर्नाटक बन चुके हैं। फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन जैसी बड़ी कंपनियां यहां iPhone असेंबल कर रही हैं। फॉक्सकॉन ने तो कर्नाटक में ₹23,000 करोड़ का निवेश करते हुए एक नया विशाल प्लांट भी शुरू किया है, जहां हज़ारों लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जा रहा है। यह न केवल देश के लिए आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए नौकरियों के नए अवसर भी पैदा कर रहा है।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह रफ्तार बनी रही तो साल 2026 तक भारत में हर साल 6 करोड़ से अधिक iPhone बनाए जाएंगे। यह संख्या मौजूदा उत्पादन क्षमता से लगभग दोगुनी होगी और भारत को वैश्विक iPhone निर्माण के मानचित्र पर सबसे ऊपर पहुंचा सकती है। आज की तारीख में दुनिया भर में बिकने वाले हर पांच में से एक iPhone भारत में बन रहा है, लेकिन टिम कुक के अनुसार आने वाले वर्षों में यह अनुपात और भी बढ़ सकता है।

iPhone का एक्सपोर्ट भी भारत से अब तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में भारत से 17.4 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹1.49 लाख करोड़ के iPhone विदेशों में भेजे गए। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत iPhone विदेशों में बेचे गए, जो भारत के निर्यात क्षमता को दर्शाता है। चीन की तुलना में भारत से एक्सपोर्ट करना कंपनियों के लिए सस्ता भी है क्योंकि यहां टैक्स कम लगता है और नीतिगत ढांचा अधिक सरल बनता जा रहा है।

हालांकि, फिलहाल भारत में एपल की बाजार हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत है, लेकिन देश में बढ़ता मध्यम वर्ग, युवाओं में प्रीमियम डिवाइसेज़ के प्रति रुचि और एपल की आक्रामक रणनीति को देखते हुए आने वाले समय में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है। टिम कुक के बयान से यह स्पष्ट है कि एपल अब भारत को केवल एक बाजार नहीं बल्कि एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देख रहा है। देश की नीतियों, कम लागत और कुशल श्रमिकों ने मिलकर भारत को iPhone उत्पादन का नया वैश्विक केंद्र बना दिया है।

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