सिम कार्ड लेने के नियमों में बड़ा बदलाव: क्या है Self-KYC जिसे DoT ने तुरंत रोकने का दिया आदेश?
देश में मोबाइल सिम कार्ड से जुड़े नियमों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने हाल ही में एक अहम आदेश जारी किया है,

देश में मोबाइल सिम कार्ड से जुड़े नियमों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने हाल ही में एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को 'Self-KYC' प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सरकार टेलीकॉम सेक्टर में सुरक्षा को लेकर और अधिक सख्ती बरत रही है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर यह Self-KYC होता क्या है, इसे क्यों रोका गया है और इसका आम ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा? आइए विस्तार से समझते हैं।
क्या होता है Self-KYC?
Self-KYC (Self Know Your Customer) एक डिजिटल प्रक्रिया है जिसके तहत कोई भी ग्राहक अपने मोबाइल फोन के जरिए खुद ही अपना सिम कार्ड वेरीफाई कर सकता है। इसमें ग्राहक को किसी दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि वह घर बैठे अपने डॉक्युमेंट्स की फोटो अपलोड करके और फेस वेरीफिकेशन करवा कर नया सिम ले सकता है या पुराने सिम को ट्रांसफर करवा सकता है। यह प्रक्रिया खासतौर पर डिजिटली एक्टिव और तकनीकी रूप से सशक्त यूज़र्स के लिए बेहद सुविधाजनक थी।
Self-KYC को प्रमोट करने के पीछे सरकार का उद्देश्य था कि सिम खरीदने और एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को आसान, तेज़ और डिजिटल बनाया जाए ताकि लोगों को बार-बार दुकानों पर लाइन न लगानी पड़े। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन KYC के रूप में भी जाना जाता था।
Self-KYC पर रोक क्यों लगाई गई?
DoT ने Self-KYC को लेकर कुछ गंभीर चिंताएं जताई हैं। विभाग ने पाया कि कुछ टेलीकॉम कंपनियां इस डिजिटल प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही थीं और बिना सख्त जांच के सिम कार्ड जारी कर रही थीं। इससे फर्जी सिम कार्ड्स की संख्या बढ़ रही थी, जो साइबर अपराध, धोखाधड़ी और टेलीफोनिक स्कैम्स को बढ़ावा दे सकते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ मामलों में देखा गया कि एक ही पहचान पत्र का इस्तेमाल करके कई सिम कार्ड जारी किए गए और इनका इस्तेमाल गलत गतिविधियों में किया गया। ऐसी स्थिति में Self-KYC की प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजमी था। सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस प्रक्रिया के दुरुपयोग की रिपोर्ट दी, जिसके बाद DoT ने इसपर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया।
DoT का नया आदेश क्या कहता है?
DoT ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे Self-KYC प्रक्रिया के तहत नए सिम कार्ड जारी करना या मौजूदा सिम को ट्रांसफर करना तुरंत बंद करें। अब कोई भी नया सिम या पोर्टिंग रिक्वेस्ट केवल फिजिकल KYC यानी व्यक्ति की प्रत्यक्ष उपस्थिति और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही पूरी की जा सकेगी।
DoT का मानना है कि फिजिकल KYC प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होती है, जिसमें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना कम रहती है।
ग्राहकों पर क्या असर होगा?
इस आदेश के बाद ग्राहकों को सिम कार्ड लेने या किसी अन्य बदलाव के लिए फिर से मोबाइल स्टोर या अधिकृत रिटेल आउटलेट पर जाना होगा। Self-KYC की सुविधा के कारण जो लोग घर बैठे आसानी से नया सिम ले सकते थे, अब उन्हें फिजिकली उपस्थित होना पड़ेगा। इससे प्रक्रिया थोड़ी समय लेने वाली हो सकती है, लेकिन यह सुरक्षा के लिहाज से एक अहम कदम माना जा रहा है।
विशेष रूप से ऐसे ग्राहक जिन्हें जल्दी नया सिम चाहिए या जो बार-बार यात्रा करते हैं, उन्हें इस फैसले से थोड़ी असुविधा हो सकती है। लेकिन लॉन्ग टर्म में यह कदम देश की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करेगा।
Self-KYC एक अच्छा डिजिटल आइडिया था जो ग्राहकों की सहूलियत के लिए लाया गया था, लेकिन कुछ कंपनियों और व्यक्तियों के दुरुपयोग के कारण यह अब सवालों के घेरे में आ गया है। DoT का यह फैसला यह दर्शाता है कि सरकार सिम कार्ड जैसी संवेदनशील सेवा को लेकर किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहती।
अब जबकि Self-KYC पर रोक लग गई है, टेलीकॉम कंपनियों को भी अपने सिस्टम को और मजबूत बनाना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की सुविधा को दोबारा शुरू किया जा सके, लेकिन पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ।
डिस्क्लेमर: यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और DoT द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर आधारित है। किसी भी अपडेट या बदलाव के लिए संबंधित टेलीकॉम कंपनी या विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें।