Kerala Temple Dress Code: मंदिरों में क्या है ड्रेस कोड वाला विवाद? पुरुषों के कमीज पहनने पर रोक वाला नियम रहेगा जारी, जानें
Kerala Temple Dress Code Controversy: केरल के देवस्वओम मंत्री वी एन वासवान ने गुरुवार (30 जनवरी) को स्पष्ट किया कि देवस्वोम बोर्ड ने मंदिरों में पुरुष श्रद्धालुओं के कमीज पहनने पर रोक लगाने की प्रथा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है.

केरल के देवस्वओम मंत्री वी एन वासवान ने गुरुवार (30 जनवरी) को स्पष्ट किया कि देवस्वोम बोर्ड ने मंदिरों में पुरुष श्रद्धालुओं के कमीज पहनने पर रोक लगाने की प्रथा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि मंदिरों के रीति-रिवाज और अनुष्ठानों को तय करने का अधिकार तंत्रियों (पुरोहितों) और संबंधित मंदिर समितियों के पास होता है. इस विषय में देवस्वोम बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है.
शिवगिरी मठ के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद ने हाल ही में ये बयान दिया था कि मंदिरों के प्रशासन को कमीज पहनकर आने वाले पुरुष श्रद्धालुओं को प्रवेश न देने की परंपरा को खत्म कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह प्रथा अब अप्रासंगिक हो चुकी है और इसे बदलने की जरूरत है. इस बयान के बाद केरल में मंदिरों के ड्रेस कोड पर बहस शुरू हो गई है.
मुख्यमंत्री विजयन ने किया बदलाव का समर्थन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्वामी सच्चिदानंद के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि समय के साथ बदलती परिस्थितियों को देखते हुए इस तरह की प्रथाओं से बचा जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि धार्मिक स्थलों में ज्यादा समावेशी वातावरण बनाने की दिशा में विचार किया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु बिना किसी भेदभाव के दर्शन कर सकें.
मंदिर ड्रेस कोड पर छिड़ा विवाद
इस पूरे मामले को लेकर परंपरावादी और प्रगतिशील विचारधारा के बीच बहस तेज हो गई है. कुछ लोग इसे धार्मिक परंपरा का हिस्सा मानते हैं तो कुछ का कहना है कि इस तरह के नियमों को फ्लेक्सिबल बनाना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को समान रूप से पूजा-अर्चना का अधिकार मिले.