जगुआर क्रैश: तकनीकी खामी के बावजूद उड़ान की अनुमति से हादसा
भारतीय वायुसेना के जगुआर विमान के पंचकूला जिले की मोरनी पहाड़ियों में क्रैश होने के पीछे तकनीकी खामियां सामने आई हैं।

भारतीय वायुसेना के जगुआर विमान के पंचकूला जिले की मोरनी पहाड़ियों में क्रैश होने के पीछे तकनीकी खामियां सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, जिस जगुआर विमान की दुर्घटना हुई, उसकी हालत लंबे समय से उड़ान के लिए उपयुक्त नहीं थी। कुछ समय पहले हुए तकनीकी निरीक्षण के दौरान इस विमान की स्थिति को ‘पुअर’ बताया गया था। इसके बावजूद इसे राजस्थान के एयरफोर्स ट्रेनिंग एयरबेस से लंबी उड़ान के लिए हरी झंडी दे दी गई थी।
7 मार्च को राजस्थान से पायलट नवीन रेड्डी ने इस जगुआर विमान में प्रशिक्षण उड़ान भरी थी। कुछ घंटों की उड़ान के बाद इस विमान ने अंबाला एयरबेस पर कुछ देर के लिए हॉल्ट किया था। वहां पर विमान के फ्यूल टैंक को फुल किया गया और एक सामान्य तकनीकी जांच भी की गई। लेकिन उस समय भी विमान के इंजन में तकनीकी एरर की बात सामने आई थी। इसके बावजूद विमान को दोबारा उड़ान भरने की अनुमति दी गई। उड़ान के कुछ ही मिनटों बाद मोरनी की पहाड़ियों में यह जगुआर क्रैश हो गया।
हादसे के तुरंत बाद वायुसेना के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच के आधार पर एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार की, जिसे दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय और मुख्यालय भेजा गया। इस मामले की विस्तृत जांच के लिए एक कोर्ट कमेटी का गठन भी किया गया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि विमान के एडोर एमके-811 इंजन में खराबी के कारण यह दुर्घटना हुई। जांच के दौरान विमान के पायलट से भी पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि उड़ान के दौरान इंजन में तकनीकी समस्या बनी हुई थी।
गौरतलब है कि अंबाला एयरबेस भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण स्टेशन है, जिसने 1965 और 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। अंबाला एयरबेस पर पहले मिग और जगुआर विमानों की स्क्वाड्रन तैनात थीं। हालांकि, कुछ साल पहले वायुसेना ने सभी जगुआर विमानों को राजस्थान में स्थानांतरित कर दिया था, जहां इनका उपयोग प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
जांच में यह बात सामने आई है कि क्रैश हुए जगुआर का इंजन पुराने एयरफ्रेम वाला था। हालांकि, पायलट ने सुरक्षित इजेक्शन कर लिया था, जिससे जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि तकनीकी निरीक्षण के दौरान इस विमान की कई खामियां सामने आई थीं, जिन्हें बाद में ठीक किया गया था। लेकिन उड़ान के दौरान इंजन फेल हो गया और विमान क्रैश हो गया।
कोर्ट कमेटी ने क्रैश हुए विमान के रखरखाव रिकॉर्ड और हाल ही में हुई सर्विसिंग के दस्तावेज भी तलब किए हैं। इसके अलावा, उड़ान से जुड़े परिचालन डेटा, मौसम की स्थिति और पायलट रिपोर्ट को भी जांच में शामिल किया गया है। इस मामले की पूरी जांच के बाद ही वायुसेना इस हादसे की अंतिम रिपोर्ट जारी करेगी।