खेल हमें पराक्रम-पुरुषार्थ देता है, सीएम डॉ. यादव ने कहा- खेल भावना ने बदल दिया भगवान श्री राम- श्री कृष्ण का जीवन, जानिए किस खिलाड़ी को मिला कौन सा पुरस्कार ?
भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण एवं 38वें नेशनल गेम्स-2025 के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी और खेल भावना का महत्व बताया।

भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित हुआ अलंकरण-सम्मान समारोह
भगवान राम-कृष्ण की कहानी सुनाकर सीएम डॉ. यादव ने बताया खिलाड़ी भावना का महत्व
खेलों से हासिल किया जा सकता है जीवन का दुर्लभ लक्ष्य
भोपाल। 'खिलाड़ी वो जो चुनौती को स्वीकार करे, मुकाबला करे, जीत हासिल करे, जीवन जीने का उच्चतम मापदंड हासिल करे। मेरी ओर से सारे पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई। भगवान राम और श्री कृष्ण के जीवन के टर्निंग पॉइंट में भी खेल भावना छुपी हुई है। भगवान राम की जब तरुण अवस्था थी, तब महर्षि विश्वामित्र ने उनके पिता दशरथ से कहा कि जंगल में राक्षसों के आतंक को खत्म करने के लिए मुझे ये युवा चाहिए। भगवान राम जब जंगल में गए तो उन्होंने खेल भावना के अनुसार जीवन में परिवर्तन किया। खिलाड़ी का जीवन लोकतंत्र को भी गौरवांवित करता है और वह अपनी क्षमता-योग्यता और बुद्धि से दुर्लभ लक्ष्य हासिल कर लेता है।' यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 अगस्त को राजधानी भोपाल में कही। सीएम डॉ. यादव रवीन्द्र भवन आयोजित मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण-2023 एवं 38वें नेशनल गेम्स-2025 के पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान राम ने न केवल राक्षसों पर विजय प्राप्त की, बल्कि भगवान शिव का धनुष भी तोड़ा। उनका यह धनुष तोड़ना खेल भावना का ही प्रतीक था। खेल हमें बहुत कुछ देता है। यह हमें दुश्मनों से मुक्ति देता है, पराक्रम और पुरुषार्थ देता है। इसी तरह भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ। वे दूसरे के घर रहे तो उन्हें मारने के लिए पूतना आ गई। कंस उन्हें मारने के लिए रोज कुछ न कुछ करता था। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि अपने ऊपर हो रहे हमलों के बारे में जब श्री कृष्ण ने मां यशोदा से पूछा तो पता चला कि कंस उनका दुश्मन है। इसके बाद जब उन्हें पता चला कि उनकी गायों को दूध और घी कंस के पास जा रहा है तो उन्होंने इसका विरोध किया। उन्हें यह भी समझ में आ गया कि माता-पिता कंस से डरते हैं। उसके बाद श्री कृष्ण ने दोस्तों से कहा कि हम सब माखन खा लेंगे, फिर गिरा देंगे, लेकिन उसे कंस के पास नहीं जाने देंगे। यह उनका पुरुषार्थ था, खिलाड़ी भावना थी।
खेल-खिलाड़ी समाज को सही दिशा में ले जाते हैं- मंत्री सारंग
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि खेल और खिलाड़ी समाज को सही दिशा में ले जाते हैं। वे समाज में अनुशासन और संयम का संचार करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालते ही विकास और कल्याण को गति दी। उन्होंने अर्थव्यवस्था, गांव, महिला, खेलों का विकास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए खेलों से जोड़ा, उसके लिए विशेष अभियान चलाया। खेलो इंडिया जैसे आयोजन खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ा रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद खिलाड़ी हैं, वे खेल की भावना को जानते हैं। आज मध्यप्रदेश नेशनल गेम्स में नंबर तीन पर है। पहले 21वें नंबर हुआ करता था। हमारे खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल लाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। आज इन खिलाड़ियों को संकल्प लेना है कि आज वे तीसरे नंबर पर हैं, कल वे नंबर एक पर होंगे। हमारे सीएम हर विधानसभा में एक स्टेडियम बनवाएंगे, इससे हमारा खेल और विकसित होगा। मैं सभी पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।
11 खिलाड़ियों को एकलव्य पुरस्कार
समारोह में शूटिंग खिलाड़ी रितुराज बुंदेला, क्याकिंग-कैनोइंग (स्लॉलम) खिलाड़ी भूमि बघेल, स्क्वैश खिलाड़ी कृष्णा मिश्रा, फेंसिंग खिलाड़ी पूजा दांगी, रोइंग खिलाड़ी प्रभाकर सिंह राजावत, सेलिंग खिलाड़ी नेहा ठाकुर, तैराकी खिलाड़ी प्रखर जोशी, एथलेटिक्स खिलाड़ी अर्जुन वास्कले, कुश्ती खिलाड़ी प्रियांशी प्रजापत, हॉकी खिलाड़ी अंकित पाल और पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी गौरव पचौरी को एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
12 खिलाड़ियों को विक्रम पुरस्कार
समारोह में शूटिंग खिलाड़ी ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, क्याकिंग-कैनोइंग (स्लॉलम) खिलाड़ी जान्हवी श्रीवास्तव, तीरंदाजी खिलाड़ी रागिनी मार्को, कुश्ती खिलाड़ी शिवानी पवार, बॉक्सिंग खिलाड़ी श्रुति यादव, जूडो खिलाड़ी यामिनी मौर्य, खोखो खिलाड़ी सचिन भार्गो, हॉकी खिलाड़ी नीलू डाडिया, सॉफ्टबाल खिलाड़ी प्रवीण कुमार दवे, शूटिंग (दिव्यांग श्रेणी) रूबिना फ्रांसिस, पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी अपूर्व दुबे और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भावना डेहरिया को विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कोचों को विश्वामित्र-लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार
समारोह में सीएम डॉ. यादव ने क्याकिंग-कैनोइंग कोच पीजूष कांती बारोई, तीरंदाजी कोच अशोक कुमार यादव और हॉकी कोच लोकेन्द्र शर्मा को विश्वामित्र पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने जिम्नास्टिक के रतनलाल वर्मा को भी लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। गौरतलब है कि 38वें नेशनल गेम्स-2025 में मध्यप्रदेश ने 34 गोल्ड मेडल, 25 सिल्वर मेडल और 23 ब्राॉन्ज मेडल जीते थे। प्रदेश ने खिलाड़ियों ने कुल 82 पदक अपने नाम किए थे।