Prayagraj : संगम पर चलेगी केबल कार, कुंभ से पहले बनेगा हनुमान मंदिर कॉरिडोर
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को महाकुंभ -2025 की दो अहम परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। इसमें संगम पर रोपवे और लेटे हुए हनुमान मंदिर कॉरिडोर के लिए शीघ्र टेंडर प्रकिया पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करने के...
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को महाकुंभ -2025 की दो अहम परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। इसमें संगम पर रोपवे और लेटे हुए हनुमान मंदिर कॉरिडोर के लिए शीघ्र टेंडर प्रकिया पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करने के...
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बृहस्पतिवार को महाकुंभ -2025 की दो अहम परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। इसमें संगम पर रोपवे और लेटे हुए हनुमान मंदिर कॉरिडोर के लिए शीघ्र टेंडर प्रकिया पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। दोनों परियोजनाओं के लिए सेना से भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण कराने के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया गया।
पीडीए के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान को निर्देश दिया गया कि वह समान मूल्य वाली भूमि योजना के अंतर्गत अन्य स्थान पर सेना को उपलब्ध कराएं। इसके लिए एएसआई एवं अन्य संबंधित विभागों से अतिशीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए महाकुंभ से पहले समय रहते दोनों परियोजनाओं को पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही महाकुंभ से पहले संगम पर केबल कार चलाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
अफसरों के मुताबिक अब रोपवे के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। इसके बाद भूमि हस्तांतरण कराकर काम शुरू करा दिया जाएगा। इस परियोजना के पूरी होने के बाद प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु अब केबल कार से संगम, अक्षयवट, सरस्वती कूप के अलावा माघ मेला और कुंभ मेला का नजारा देख सकेंगे। पहली बार संतों-भक्तों और सैलानियों के लिए केबल कार की सेवा यहां मिलेगी। इसके लिए अरैल में त्रिवेणी पुष्प से शंकर विमान मंडपम के बीच रोपवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
पीडीए की ओर से इसका खाका प्रस्तुत किया गया है। बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव ने अफसरों से इन परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली। इस योजना के तहत केबल कार से एक बार में 20-25 सैलानी संगम दर्शन कर सकेंगे। इन स्टेशनों से महज 10 से 15 मिनट के भीतर पर्यटक संगम दर्शन कर सकेंगे। पीपीपी मॉडल पर तैयार होने वाली इस योजना के संचालन के लिए चुनिंदा और अनुभवी रोपवे संचालक कंपनियों से संपर्क किया गया है। इसी तरह हनुमान मंदिर कॉरिडोर परियोजनाओं के लिए भी भूमि हस्तांरण कराने के साथ ही एनओसी जारी कराने के लिए कहा गया।