UP: मुरादाबाद मंडल में होगा राजनीतिक दलों का कड़ा इम्तिहान, इस बार सभी दलों के लिए बदल गए सियासी समीकरण
लोकसभा चुनावों का एलान हो गया है। मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटों पर पहले तीन चरणों में चुनाव होगा। मंडल की इन छह लोकसभा सीटों पर सियासी दलों का कड़ा इम्तिहान होगा।

लोकसभा चुनावों का एलान हो गया है। मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटों पर पहले तीन चरणों में चुनाव होगा। मंडल की इन छह लोकसभा सीटों पर सियासी दलों का कड़ा इम्तिहान होगा।
लोकसभा चुनावों की रणभेरी बच चुकी है। इसी के साथ मुरादाबाद मंडल की सीटों पर भी सभी राजनीतिक दलों की नजर लगी हुई है। इस बार मंडल के सियासी समीकरण बदल चुके हैं। 2014 के इतिहास को दोहराने की कोशिश भाजपा के साथ सपा और बसपा भी लगी हुई हैं। 2019 में सभी छह सीटों पर भाजपा को हार मिली थी।
लोकसभा चुनावों का एलान हो गया है। मुरादाबाद मंडल की छह लोकसभा सीटों पर पहले तीन चरणों में चुनाव होगा। मंडल की इन छह लोकसभा सीटों पर सियासी दलों का कड़ा इम्तिहान होगा। वजह यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मंडल की सभी छह लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। 2019 में भाजपा को मंडल की छह में छह सीटों पर शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
भाजपा जहां 2014 का इतिहास दोहराने की कोशिश करेगी, वहीं सपा-बसपा 2019 का। चुनावी रणभेरी बज गई है। इस बार सियासी समीकरण कुछ अलग हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा ने जहां एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। वहीं इस बार उनकी राहें जुदा हैं। बसपा सभी लोकसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेगी।
वहीं सपा को इस बार कांग्रेस का साथ मिल रहा तो रालोद ने भाजपा के साथ गठजोड़ कर लिया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मंडल की सभी छह सीटों मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, संभल, बिजनौर और नगीना पर कब्जा कर लिया था। 2019 में जब सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ तो इसका असर सबसे अधिक इन सीटों पर ही दिखाई दिया। सपा ने मुरादाबाद, रामपुर और संभल की सीट पर कब्जा कर लिया था, तो बसपा ने अमरोहा, बिजनौर और नगीना सीट पर जीत हासिल की।