Varanasi: विभागों को शहर में काम कराने के लिए यहां लेनी होगी अनुमति, साढ़े 7 घंटे की बैठक में लिया गया निर्णय

पूरी बैठक में मेयर और सदस्यों के निशाने पर स्ट्रीट लाइट और परिवहन प्रभारी एके सक्सेना रहे।

Varanasi: विभागों को शहर में काम कराने के लिए यहां लेनी होगी अनुमति, साढ़े 7 घंटे की बैठक में लिया गया निर्णय

अब नगर निगम सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कार्य कराने वाले सरकारी विभागों को नगर निगम से अनुमति लेनी होगी। यह निर्णय बुधवार को साढ़े सात घंटे चली नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में लिया गया। मेयर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि इस आशय का पत्र सभी विभागों को नगर निगम की ओर से भेजा जाएगा। पूरी बैठक में मेयर और सदस्यों के निशाने पर स्ट्रीट लाइट और परिवहन प्रभारी एके सक्सेना रहे।

बैठक में निर्णय लिया गया कि शहरी सीमा में विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से कार्य कराए जाते हैं। इनके चलते सड़कों, नालियों, गली पिट की क्षति होती है। जिले के सभी विभाग शहरी सीमा में काम कराने से पूर्व नगर निगम को बताएंगे कि काम कब शुरू करेंगे और कब खत्म करेंगे।

कार्यकारिणी की बैठक सुबह 12 बजे शुरू हुई और शाम 7:30 तक चली। इस दौरान कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मेयर ने कहा, पार्षदों को संज्ञान में लाने के बाद वार्डों में कार्य कराए जाएं। मेयर ने नव विस्तारित क्षेत्रों में सरकारी भूमियों के चिह्नांकन की जानकारी मांगी।

इस पर प्रभारी राजस्व अनिल यादव ने बताया कि 79 गांवों में सर्वे कराया गया है। सुसुवाही के पार्षद सुरेश कुमार पटेल ने बताया कि उनके वार्ड में कई ऐसी भूमि है, जिनका चिह्नांकन नहीं किया गया है। मुख्य अभियंता को हिदायत दी गई कि सर्वे वाली भूमि को तत्काल खंभा गाड़कर तारों से घेर कर कब्जा प्राप्त करें।

निरीक्षण के दौरान बिना बताए जाने पर अधिशासी अभियंता को फटकार

उपसभापति नरसिंह दास ने विगत दिनों कावड़ मार्ग पर भ्रमण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में सबसे खराब स्थिति स्ट्रीट लाइट की पाई गई। निरीक्षण के समय अधिशासी अभियंता अजय सक्सेना थोड़ी देर में ही बिना बताए चले गए। इस पर मेयर ने नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई।

शासनादेश के अनुसार कार्य कराएं
मेयर ने सावन माह में कावड़ यात्रा के लिए जारी शासनादेश के बारे में जानकारी मांगी। इसमें साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, मार्ग प्रकाश व्यवस्था, प्रतिबंधित प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान, सीवर सफाई आदि की समीक्षा की गई। कहा गया कि सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए मानक के अनुरूप कार्य करेंगें।