सिरसा में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा: स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा, मौसम में दिखा स्मॉग का असर; छाई धुंए की चादर

सिरसा में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है।

सिरसा में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा: स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा, मौसम में दिखा स्मॉग का असर; छाई धुंए की चादर

सिरसा में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। रविवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 214 तक पहुंच गया, जो "खराब" श्रेणी में आता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है, विशेषकर बच्चों और सांस के मरीजों के लिए यह वातावरण खतरनाक साबित हो रहा है।

हालांकि पराली जलाने का दौर अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है, लेकिन वाहनों के प्रदूषण और अन्य स्थानीय कारणों से हवा की गुणवत्ता पहले ही खराब हो चुकी है। रविवार सुबह सिरसा में धुएं की एक परत छाई रही, जो सुबह 11 बजे तक वातावरण में बनी रही। अधिकारियों को आशंका है कि नवंबर में पराली जलाने के मामले बढ़ने के साथ यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।

पिछले साल 4 नवंबर 2023 को सिरसा का एक्यूआई 439 तक पहुंच गया था, जिससे प्रशासन को लोगों को सुबह और शाम की सैर न करने की एडवाइजरी जारी करनी पड़ी थी। इस साल भी दिवाली और पराली जलाने के मामलों में इजाफे के साथ प्रदूषण के और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

शहर के तीन प्रमुख स्थानों पर एक्यूआई के आंकड़े

  • एफ ब्लॉक सेक्टर:

    • एक्यूआई: 214 (खराब)
    • पीएम 2.5: 135
    • पीएम 10: 291
    • आद्रता: 34%
  • हुडा सेक्टर:

    • एक्यूआई: 178 (खराब)
    • पीएम 2.5: 107
    • पीएम 10: 222
    • आद्रता: 34%
  • रोडी बाजार:

    • एक्यूआई: 180 (खराब)
    • पीएम 2.5: 111
    • पीएम 10: 235
    • आद्रता: 34%

प्रदूषण के मुख्य कारण

  1. पराली जलाना
  2. कूड़ा जलाना
  3. त्योहारी सीजन में फैक्ट्रियों में अधिक उत्पादन
  4. खेतों में कचरा जलाना

यह समझना जरूरी

पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषण के सबसे खतरनाक कण होते हैं। ये कण वातावरण में बढ़ने से सीधे फेफड़ों पर असर डालते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। यह स्थिति विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए घातक हो सकती है। वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

धुएं का दोपहर 12 बजे बाद भी रहा असर

फतेहाबाद में रविवार को सीजन का पहला दिन ऐसा रहा, जब मौसम में धुआं छाया रहा। सुबह ही आसमान में धुएं की चादर लिपटी नजर आई। दोपहर 12 बजे बाद भी आसमान में धुआं नहीं हटा। गौरतलब है कि जिले में अभी तक 20 जगह पराली जलने के मामले आ चुके हैं। 17 किसानों पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लग चुका है।

सांस के रोगियों की बढ़ी मुश्किलें 
इसी के साथ आंखों में जलन भी बढ़ने लगी है। इसके अलावा सांस के मरीजों को भी दिक्कत होने लगी है। एक्यूआई 300 पार हो गया है। चिकित्सकों ने सांस के मरीजों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल ही हिदायत दी है।