हिसार में अधिकारियों की अनदेखी: स्कूल संचालकों की मनमानी, नियमों को ताख पर रख फर्राटा भर रहे स्कूली वाहन

हिसार के अधिकतर स्कूलों में बिना फिटनेस वाले वाहन बच्चों को लाने-ले जाने में लगे हैं।

हिसार में अधिकारियों की अनदेखी: स्कूल संचालकों की मनमानी, नियमों को ताख पर रख फर्राटा भर रहे स्कूली वाहन

हिसार के अधिकतर स्कूलों में बिना फिटनेस वाले वाहन बच्चों को लाने-ले जाने में लगे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। डीपीएस स्कूल की बस के बेकाबू होने से उसमें सवार बच्चों की सांस गले में अटक गई थी। शुक्र है कि तीन वाहनों को टक्कर मारने के बाद बस रुक गई। स्कूल संचालक बस के ब्रेक फेल होना बता रहे हैं, इससे जाहिर की बस की फिटनस की तरफ न तो स्कूल प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही आरटीए के अधिकारियों ने।

आरटीए विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस साल जनवरी से लेकर जून तक विभिन्न स्कूलों के 83 वाहनों के चालान काटे हैं। इनमें से 80 चालान फिटनेस पासिंग की शिकायत पर काटे गए हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि न तो स्कूल संचालक और न ही आरटीए स्कूली बसों की फिटनेस को लेकर सख्त है। नतीजतन निजी स्कूलों के बस चालक नियमों को दरकिनार कर अपने वाहन सड़कों पर दौड़ाते हैं।

आरटीए ने इस साल जनवरी से जून तक 821 ओवरलोडिंग वाहनों के चालान काटे हैं, जिनसे 3,29,31,500 रुपये का जुर्माना वसूला है। जनवरी में 130 चालान काटने पर 57,57,500 रुपये, फरवरी में 105 चालान काटने पर 44,01,000 रुपये, मार्च में 141 चालान काटने पर 58,03,500 रुपये, अप्रैल में 151 चालान काटने पर 59,27,500 रुपये, मई में 124 चालान काटने पर 45,17,000 रुपये व जून में 170 चालान काटने पर 65,25,000 रुपये का जुर्माना वसूल किया। ----

अधिकारियों के अनुसार
मामला मेरे संज्ञान में आया तो जानकारी जुटाई गई। बारिश के दौरान स्पीड ब्रेकर पर स्कूल बस का संतुलन बिगड़ने की बात सामने आ रही है। -संजय बिश्नोई, आरटीए, हिसार।

मेरे साथ दो प्राचार्य भी जांच कमेटी में शामिल थे। 40 विद्यार्थियों, बस चालक व महिला अटेंडेंट के बयान दर्ज किए हैं। पूछताछ में स्कूली बस के ब्रेक फेल होने की बात सामने आ रही है। डीईओ को रिपोर्ट सौंप दी गई है। - विजेंद्र, खंड शिक्षा अधिकारी, हिसार प्रथम ब्लॉक।

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है कि स्कूली बस या वैन को सभी मानकों पर दुरुस्त रखना स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। आरटीए व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे यह तय करें कि जिले के निजी स्कूलों के वाहन सभी मानकों को पूरे कर रहे हैं या नहीं। अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो स्कूल प्रबंधन, आरटीए व शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी जिम्मेदार है। दोषी साबित होने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। -वीरेंद्र सिंह मलिक, अधिवक्ता।

बस का फिटनेस सर्टिफिकेट हमारे पास है। बस का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। चालक नशे में नहीं था। हमने अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच की रहे हैं। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार यह हादसा ब्रेक न लगने के कारण हुआ। -बलवंत सिंह, ट्रांसपोर्ट इंचार्ज, डीपीएस