BHU: सृष्टि के मंच पर नृत्य- गायन के साथ गूंजी वाद्ययंत्रों की धुन, युवा कलाकारों ने जीता दिल
आकर्षक डिजाइन में रंगोली भी बनाई। अमर उजाला इस समारोह का मीडिया पार्टनर है।

बीएचयू कृषि विज्ञान संस्था के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव सृष्टि का बृहस्पतिवार से आगाज हुआ। इस दौरान कलाकारों ने मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को यादगार बना दिया। नृत्य की प्रस्तुति पर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वाद्ययंत्रों की सुमधुर तान ऐसी कलाकारों ने छेड़ी कि हर कोई गीत गुनगुनाने लगा। आकर्षक डिजाइन में रंगोली भी बनाई। अमर उजाला इस समारोह का मीडिया पार्टनर है।
शताब्दी कृषि सभागार को अंदर से बाहर तक रंग बिरंगे कागजों से लेकर बत्तियों से आकर्षक सजावट भी की गई थी। इसमें युवा कलाकारों का उत्साह देखने लायक था। पहले दिन नाटक द हिडेन डेविल्स से आंतरिक संघर्षों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा वाद विवाद में प्रतिभागियों ने अलग-अलग विषयों पर पक्ष और विपक्ष में अपनी बातों से साहित्यिक प्रतिस्पर्धा दिखाई।
उर्वशी तिवारी को कविता में पहला पुरस्कार
इस दौरान उर्वशी तिवारी स्वरचित कविता के साथ प्रथम पुरस्कार विजेता बनी। इसमें अनुप्रास, बिंब और लय के उपयोग ने एक जीवंत चित्र चित्रित किया, जिसने उनके प्रदर्शन को असाधारण बना दिया। दर्शकों को उनकी गीतात्मक यात्रा और उनके काम की कलात्मक प्रतिभा ने मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद हार्दिक राय ने हिंदी: भारत की राष्ट्र भाषा पर कविता में दूसरा पुरस्कार जीता।
यह बताया कि हिंदी को भारत में एकता की ताकत के रूप में मनाया और साथ ही अन्य भाषाओं की विविधता का सम्मान किया। नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति में कलाकारों ने भरतनाट्यम, कथक, कथकली, ओडिसी और अन्य जैसे पारंपरिक भारतीय नृत्य रूपों की सुंदरता और सटीकता का प्रदर्शन किया। रैंप वॉक में रंग बिरंगे परिधानों के साथ मंच पर उतरकर सभी का दिल जीत लिया।
कृषि विज्ञान संस्थान के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव सृष्टि 2025 का उदघाटन निदेशक प्रो. यूपी सिंह ने किया। इस दौरान छात्र सलाहकार प्रो. अमिताव रक्षित,चीफ प्रॉक्टर प्रो. एसके सिंह और एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो. निशात अफरोज (छात्र विकास) ने छात्रों की प्रतिभा की सराहना की।
गीत, वाद्ययंत्रों से यादगार बनाया कार्यक्रम
समारोह में अश्मित पटेल की देशभक्ति कविता तारिक गवाई देगी के माध्यम से श्रोताओं के दिलों को झकझोर दिया। इसके बाद वाद्य यंत्रों के प्रदर्शन के साथ शुरू हुआकार्यक्रम यादगार बन गया। दर्शकों को बांसुरी पर बॉलीवुड गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने मंत्रमुग्ध कर दिया, जहां धुनों ने एक भावनात्मक तार को छुआ। पियानो की चाबियों पर उंगलियों का कुशल खेल भी उतना ही आकर्षक था।मोनो-एक्टिंग में बदल गया, जहां छात्रों ने अपने एकल प्रदर्शनों के माध्यम से विचारोत्तेजक विषयों को जीवंत किया। इस दौरान शास्त्रीय गायन की भी प्रस्तुतियां हुई। कलाकारों ने खूबसूरत गजलों और गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।