CAA Rules in India: देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी, जानें किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता
Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से ठीक पहले केंद्र सरकार की ओर से आज (सोमवार, 11 मार्च) देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) को लागू करने संबंधी अधिसूचना को जारी कर दिया गया. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना है. यह दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो गया था. इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी. विधेयक भारत में किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं है और प्रत्येक भारतीय नागरिक के अधिकारों को समान रूप से संरक्षित किया जाएगा. छह राज्य कर चुके हैं विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव देश में लागू किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में छह राज्यों की ओर से प्रस्ताव भी विधानसभा में पारित किया जा चुका है. इनमें केरल विधानसभा, पंजाब विधानसभा, राजस्थान विधानसभा, पश्चिम बंगाल विधानसभा, पुडुचेरी विधानसभा और तेलंगाना विधानसभा प्रमुख रूप से शामिल हैं. यह भी पढ़ें: Constitution Rewrite Row: बीजेपी सांसद हेगड़े के बयान पर सियासी घमासान, राहुल गांधी बोले- 'संविधान बदलने पर पीएम मोदी की चुप्पी खतरनाक'

Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से ठीक पहले केंद्र सरकार की ओर से आज (सोमवार, 11 मार्च) देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) को लागू करने संबंधी अधिसूचना को जारी कर दिया गया.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना है. यह दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो गया था. इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी. विधेयक भारत में किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं है और प्रत्येक भारतीय नागरिक के अधिकारों को समान रूप से संरक्षित किया जाएगा.
छह राज्य कर चुके हैं विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव
देश में लागू किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में छह राज्यों की ओर से प्रस्ताव भी विधानसभा में पारित किया जा चुका है. इनमें केरल विधानसभा, पंजाब विधानसभा, राजस्थान विधानसभा, पश्चिम बंगाल विधानसभा, पुडुचेरी विधानसभा और तेलंगाना विधानसभा प्रमुख रूप से शामिल हैं.