हार्ट अटैक: पॉल्यूशन के दौरान बढ़ता है खतरा, बचने के लिए करें ये उपाय

आज के दौर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हवा में घुलते प्रदूषण के कण हमारी सेहत पर गंभीर असर डाल रहे हैं।

हार्ट अटैक: पॉल्यूशन के दौरान बढ़ता है खतरा, बचने के लिए करें ये उपाय

आज के दौर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हवा में घुलते प्रदूषण के कण हमारी सेहत पर गंभीर असर डाल रहे हैं। सर्दियों में पॉल्यूशन का स्तर और बढ़ जाता है, जो हमारे फेफड़ों और हृदय के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। शोधों से साबित हुआ है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण हृदय रोगों का खतरा भी काफी बढ़ गया है। खासकर, जो लोग पहले से ही हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें इस मौसम में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

जब हम प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो हमारे फेफड़ों में हानिकारक कण जमा हो जाते हैं, जो हमारे खून के जरिए हृदय तक पहुंचते हैं। यह प्रक्रिया हमारे हृदय को अतिरिक्त दबाव में डालती है, जिससे हृदय का सही तरीके से काम करना मुश्किल हो जाता है। पॉल्यूशन के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे हृदय को ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। यही कारण है कि प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के दौरान हार्ट अटैक का खतरा और भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा, प्रदूषण से होने वाली सूजन भी हृदय की सेहत को प्रभावित करती है। हवा में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और ओजोन जैसे हानिकारक तत्व खून के प्रवाह में शामिल होकर हृदय की धमनियों में सूजन और संकुचन पैदा कर सकते हैं। यह स्थिति हृदय को सामान्य रूप से खून पंप करने में कठिनाई पैदा करती है, जिससे हृदय संबंधी आपात स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

अगर प्रदूषण के दौरान हार्ट अटैक के खतरे से बचना है, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले तो, कोशिश करें कि जब भी हवा में पॉल्यूशन का स्तर अधिक हो, घर के बाहर जाने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो एन95 मास्क का इस्तेमाल करें। यह मास्क हवा में मौजूद हानिकारक कणों को आपके फेफड़ों में जाने से रोकता है, जिससे हृदय पर कम दबाव पड़ता है।

साथ ही, घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि घर के अंदर की हवा भी साफ रह सके। नियमित रूप से व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन पॉल्यूशन के स्तर अधिक होने पर बाहर व्यायाम करने से बचें, क्योंकि इस समय अधिक हवा को अंदर लेने से हानिकारक कण भी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

खानपान पर भी ध्यान दें। हृदय को मजबूत रखने के लिए आहार में ऐसी चीजें शामिल करें, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स मौजूद हों। ये तत्व हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। हरी सब्जियां, फल, और मछली जैसी चीजें हृदय की सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं।

ध्यान रहे कि तनाव भी हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। प्रदूषण से तो तनाव होता ही है, लेकिन इसके साथ-साथ जीवन की अन्य चिंताओं को भी नियंत्रित करने की कोशिश करें। ध्यान और योग जैसी गतिविधियां मानसिक और शारीरिक रूप से लाभकारी होती हैं, जिससे हृदय पर दबाव कम पड़ता है।

प्रदूषण का असर हर किसी पर अलग-अलग होता है, लेकिन जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या जो पहले से ही हृदय रोग से पीड़ित हैं, उन्हें खासतौर पर इस मौसम में सचेत रहने की जरूरत है। डॉक्टर से नियमित चेकअप कराते रहें और किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

पॉल्यूशन का बढ़ता स्तर हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हृदय की सेहत को सही रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उचित सावधानी और समझदारी से हम इस गंभीर खतरे से खुद को बचा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।