Myth Or Fact: क्या पालक का रस किडनी की पथरी का कारण बन सकता है, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Myth Or Fact: पालक एक पत्तेदार हरी सब्जी है जो अपने जबरदस्त पोषक तत्वों के लिए जाने जाती है. इसमें जरूरी विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इससे सेहत को खूब लाभ है, इसके सेवन से कई बीमारियों की छुट्टी हो सकती है हालांकि पालक को जूस और स्मूदी के रूप में सेवन करने से गुर्दे की पथरी होने की चिंता जताई जाती है. क्या सच में पालक का जूस पीने से किडनी में पथरी बन सकता है.एक्सपर्ट से जानेंगे इस बारे में विस्तार से... क्या पालक का रस किडनी की पथरी का कारण बन सकता है? हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जांगड़ा ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम रील साझा की, जहां उन्होंने सभी को अधिक पालक स्मूदी और पालक के रस का सेवन करने के खिलाफ चेतावनी दी, क्योंकि वे गुर्दे की पथरी का कारण बन सकते हैं. यहाँ इसका कारण है.डॉ. जांगड़ा के मुताबिक पालक आयरन का एक पावरहाउस है, लेकिन इसमें ऑक्सालेट नामक एक यौगिक भी होता है, जिसे शरीर के लिए अवशोषित करना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए, ये आजकल गुर्दे की पथरी और यहां तक ​​कि पित्ताशय की थैली में पथरी बनने का एक प्रमुख कारण है.जांगडा के मुताबिक एक गिलास पालक का रस या पालक की स्मूदी आठ से दस गुना ऑक्सालेट यौगिक के बराबर होती है जिसे आपका शरीर संभवतः संभाल सकता है. ये यौगिक आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम से जुड़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे और पित्ताशय में कैल्सीफाइड पथरी बन जाती है. [insta]           View this post on Instagram                       A post shared by DrDimple, Ayurveda & Gut Health Coach (@drdimplejanngdaa) [/insta] ज्यादा पालक खाने के नुकसान पालक में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है,जो मध्यम मात्रा में पाचन के लिए फायदेमंद हो सकता है. हालाँकि, डॉ जांगडा कहते हैं कि पालक के रूप में अत्यधिक फाइबर का सेवन खासकर संवेदनशील पाचन तंत्र वाले व्यक्तियों में ­­­अपच, सूजन, गैस, पेट फूलना, कब्ज, दस्त और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम का कारण बन सकता है. पालक में फाइटेट्स जैसे यौगिक होते हैं जो आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे आवश्यक खनिजों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. ये उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जिन्हें खनिज की कमी का खतरा है या जिन व्यक्तियों में पोषक तत्वों का अवशोषण कम है. पालक में गोइट्रोजेन होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ हैं जो थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं. बड़ी मात्रा में, गोइट्रोजन आयोडीन अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं, संभावित रूप से थायराइड हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं. कुछ व्यक्तियों को पालक से एलर्जी हो सकती है, उन्हें खुजली, पित्ती या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं. यह भी पढ़ें  World Hepatitis Day 2023: आखिर वैक्सीन होने के बाद भी क्यों 'खतरनाक' है हेपेटाइटिस की बीमारी, ये जानना आपके लिए है जरूरी

Myth Or Fact: क्या पालक का रस किडनी की पथरी का कारण बन सकता है, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Myth Or Fact: पालक एक पत्तेदार हरी सब्जी है जो अपने जबरदस्त पोषक तत्वों के लिए जाने जाती है. इसमें जरूरी विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इससे सेहत को खूब लाभ है, इसके सेवन से कई बीमारियों की छुट्टी हो सकती है हालांकि पालक को जूस और स्मूदी के रूप में सेवन करने से गुर्दे की पथरी होने की चिंता जताई जाती है. क्या सच में पालक का जूस पीने से किडनी में पथरी बन सकता है.एक्सपर्ट से जानेंगे इस बारे में विस्तार से...

क्या पालक का रस किडनी की पथरी का कारण बन सकता है?

हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जांगड़ा ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम रील साझा की, जहां उन्होंने सभी को अधिक पालक स्मूदी और पालक के रस का सेवन करने के खिलाफ चेतावनी दी, क्योंकि वे गुर्दे की पथरी का कारण बन सकते हैं. यहाँ इसका कारण है.डॉ. जांगड़ा के मुताबिक पालक आयरन का एक पावरहाउस है, लेकिन इसमें ऑक्सालेट नामक एक यौगिक भी होता है, जिसे शरीर के लिए अवशोषित करना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए, ये आजकल गुर्दे की पथरी और यहां तक ​​कि पित्ताशय की थैली में पथरी बनने का एक प्रमुख कारण है.जांगडा के मुताबिक एक गिलास पालक का रस या पालक की स्मूदी आठ से दस गुना ऑक्सालेट यौगिक के बराबर होती है जिसे आपका शरीर संभवतः संभाल सकता है. ये यौगिक आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम से जुड़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे और पित्ताशय में कैल्सीफाइड पथरी बन जाती है.

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ज्यादा पालक खाने के नुकसान

  • पालक में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है,जो मध्यम मात्रा में पाचन के लिए फायदेमंद हो सकता है. हालाँकि, डॉ जांगडा कहते हैं कि पालक के रूप में अत्यधिक फाइबर का सेवन खासकर संवेदनशील पाचन तंत्र वाले व्यक्तियों में ­­­अपच, सूजन, गैस, पेट फूलना, कब्ज, दस्त और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम का कारण बन सकता है.
  • पालक में फाइटेट्स जैसे यौगिक होते हैं जो आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे आवश्यक खनिजों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. ये उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जिन्हें खनिज की कमी का खतरा है या जिन व्यक्तियों में पोषक तत्वों का अवशोषण कम है.
  • पालक में गोइट्रोजेन होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ हैं जो थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं. बड़ी मात्रा में, गोइट्रोजन आयोडीन अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं, संभावित रूप से थायराइड हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं.
  • कुछ व्यक्तियों को पालक से एलर्जी हो सकती है, उन्हें खुजली, पित्ती या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं.
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