UP: मेनका गांधी को इसौली में करनी होगी मशक्कत, 2019 में बसपा प्रत्याशी ने ले ली थी बढ़त, मुश्किल से मिली जीत

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी एक बार फिर सुल्तानपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। इस बार भी उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इसौली विधानसभा क्षेत्र ही है, जिसे भद्र बंधुओं का गढ़ माना जाता है।

UP: मेनका गांधी को इसौली में करनी होगी मशक्कत, 2019 में बसपा प्रत्याशी ने ले ली थी बढ़त, मुश्किल से मिली जीत

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी एक बार फिर सुल्तानपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। इस बार भी उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इसौली विधानसभा क्षेत्र ही है, जिसे भद्र बंधुओं का गढ़ माना जाता है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी एक बार फिर सुल्तानपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। इस बार भी उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इसौली विधानसभा क्षेत्र ही है, जिसे भद्र बंधुओं का गढ़ माना जाता है। भद्र बंधुओं के समर्थन से जहां 2014 में वरुण गांधी को आसान जीत मिली थी, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी बन जाने पर मेनका गांधी को जीतने में मशक्कत करनी पड़ी थी।

वर्ष 2014 में वरुण गांधी जब इस सीट से चुनाव लड़े थे तो इसौली के चंद्रभद्र सिंह सोनू और यशभद्र सिंह मोनू उनके समर्थन में थे, लेकिन 2019 में परिदृश्य बदल गया। मेनका गांधी मैदान में उतरीं तो उनके सामने बसपा-सपा गठबंधन से प्रत्याशी के रूप में चंद्रभद्र सिंह सोनू उतर पड़े। ऐसे में जब मतदान हुआ तो भद्र परिवार के वर्चस्व वाले क्षेत्र इसौली में मेनका को 79382 और सोनू को 84933 वोट मिले। यहां से करीब साढ़े पांच हजार से पिछड़ने वाली मेनका गांधी को सुल्तानपुर विधानसभा क्षेत्र में भी झटका लगा। उन्हें 87848 और सोनू सिंह को 100411 वोट मिले।