हिसार एयरपोर्ट: आपत्तियां दूर होत ही 8 मार्च को मिल जाएगा लाइसेंस, नाइट लैंडिंग के लिए अभी LIS लगाया जाना शेष
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) व ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की 6 सदस्यीय टीम ने दूसरे दिन वीरवार को भी एयरपोर्ट का निरीक्षण किया।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) व ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की 6 सदस्यीय टीम ने दूसरे दिन वीरवार को भी एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। टीम ने कुछ आपत्तियां लगाईं हैं। इन्हें 28 फरवरी तक दूर कर दिया जाता है तो 8 मार्च तक एयरपोर्ट को हवाई सेवा संचालन का लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।
एयरपोर्ट को लाइसेंस जारी करने के मद्देनजर आई टीम वीरवार सुबह 10 बजे एयरपोर्ट पर पहुंची और काम शुरू किया। लंच के एक घंटे को छोड़कर शाम 5 बजे तक टीम ने एयरपोर्ट अगस्त 2024 में लगाई गईं आपत्तियों को जांचा। इस दौरान टीम को कुछ कमियां मिलीं। शाम 5 बजे टीम ने एयरपोर्ट अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें इन कमियों के बारे में बताया। साथ ही इन कमियों को दुरुस्त करने के लिए 28 फरवरी की समय सीमा दी। टीम ने कहा कि इस समय सीमा तक आपत्तियों को ठीक कर दिया जाता है तो 8 मार्च तक लाइसेंस मिल जाएगा। इससे पहले बुधवार को भी टीम ने पहले से लगाईं गईं आपत्तियों को दुरुस्त करने संंबंधी दस्तावेज जांचे और जो आपत्तियां थीं उन्हें भी देखा।
पिछले साल अगस्त में भी लगाई गईं थीं आपत्तियां
अगस्त 2024 में भी डीजीसीए की टीम ने तीन दिन तक एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था और 44 छोटी बड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं थीं। इन आपत्तियों के कारण ही एयरपोर्ट को लाइसेंस नहीं मिल सका था। हालांकि बाद में सभी आपत्तियों को दुरुस्त कर रिपोर्ट डीजीसीए को भेज दी थी।
नाइट लैंडिंग के लिए अभी एलआईएस (लैंडिंग इंस्ट्रूमेंट सिस्टम) लगाया जाना शेष है। जब तक यह सिस्टम नहीं लगेगा, तब तक एयरपोर्ट को हवाई जहाज की नाइट लैंडिंग की अनुमति नहीं मिलेगी। इससे पहले एयरपोर्ट को लाइसेंस मिल जाता है और इसके बाद यह सिस्टम लगता है तो एयरपोर्ट अथॉरिटी को फिर से नया लाइसेंस लेना होगा, जिसमें नाइट लैंडिंग की भी अनुमति होगी। हालांकि हवाई पट्टी पर कैट आई लाइट सिस्टम लगाया जा चुका है।
वर्ष 2014 में शुरू हुआ था काम
हिसार के हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए वर्ष 2014 में काम शुरू हुआ था। उस समय एयरपोर्ट के पास 200 एकड़ जमीन थी। दो चरणों में इसमें 7 हजार एकड़ जमीन को जोड़ा गया। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा, क्योंकि किसी भी एयरपोर्ट के पास इतनी जमीन नहीं है। एयरपोर्ट से हवाई उड़ान को लेकर प्रदेश सरकार एमओयू कर चुकी है। जयपुर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, अयोध्या और जम्मू के लिए हवाई सेवाएं शुरू करने को लेकर जनवरी 2024 में ही एमओयू हो चुका है।
अधिकारी के अनुसार
इतना बड़ा प्रोजेक्ट है तो कुछ आपत्तियां लगना स्वाभाविक है। इन आपत्तियों को जल्द से जल्द दूर करवाया जाएगा। जल्द ही यहां से उड़ान सेवाएं शुरू होंगी। - डॉ. कमल गुप्ता, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री।