"एक बगिया मां के नाम" और हरित योजनाओं से बदलेगा मध्यप्रदेश का पर्यावरणीय परिदृश्य

मध्यप्रदेश में "एक बगिया मां के नाम", "गंगोत्री हरित योजना" और "नर्मदा परिक्रमा पथ" के तहत पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के लिए व्यापक प्रशिक्षण व पौधरोपण अभियान शुरू।

"एक बगिया मां के नाम" और हरित योजनाओं से बदलेगा मध्यप्रदेश का पर्यावरणीय परिदृश्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू की गई पर्यावरणीय पहलों – "एक बगिया मां के नाम परियोजना", "गंगोत्री हरित योजना" और "नर्मदा परिक्रमा पथ" को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने विस्तृत रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।

इन योजनाओं में मनरेगा के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें 2101 इंजीनियर और 626 कृषि सखी को भोपाल के जल-भूमि प्रबंध संस्थान और क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों में वैज्ञानिक पौधरोपण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मंत्री प्रहलाद पटेल ने नदियों के उद्गम स्थलों और मां नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर पौधरोपण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। "एक बगिया मां के नाम" योजना के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को उनकी निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।

इस अभियान में सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता, एग्रो-क्लाइमेट ज़ोन, और पानी की उपलब्धता जैसे मापदंडों के आधार पर सटीक पौधों का चयन किया जा रहा है। जहां उपयुक्तता नहीं मिलेगी, वहां पौधरोपण नहीं होगा, जिससे संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

कृषि सखी अन्य महिलाओं को पौधों की देखरेख, चयन और तकनीक का प्रशिक्षण देकर पूरे राज्य में हरित क्रांति और महिला आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगी। इस पहल से पर्यावरण सुरक्षा के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार और आत्मनिर्भरता का भी अवसर मिलेगा।