सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल: ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक तनाव बने मुख्य कारण

सोने के दामों में जबरदस्त तेजी जारी है और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर मौजूदा तेजी इसी तरह बनी रही तो जल्द ही 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपए के पार पहुंच सकता है।

सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल: ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और वैश्विक तनाव बने मुख्य कारण

सोने के दामों में जबरदस्त तेजी जारी है और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर मौजूदा तेजी इसी तरह बनी रही तो जल्द ही 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपए के पार पहुंच सकता है। 29 जनवरी के बाद से सोना एक भी दिन सस्ता नहीं हुआ और 18 फरवरी को भी इसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 436 रुपए चढ़कर 85,690 रुपए पर पहुंच गया है, जबकि इससे पहले यह 85,254 रुपए था। 14 फरवरी को सोने ने 86,089 रुपए का ऑलटाइम हाई बनाया था। इस साल एक जनवरी से अब तक सोना 9,528 रुपए महंगा हो चुका है।

ट्रंप के टैरिफ फैसलों का असर सोने पर भारी

सोने की कीमतों में इस उछाल का मुख्य कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को बताया जा रहा है। ट्रंप ने तीन देशों से स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगा दिया, जिससे मेटल मार्केट में भारी उथल-पुथल मच गई। इस फैसले का असर सोने पर भी पड़ा, जिससे इसकी मांग बढ़ गई और कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गईं। इसके अलावा ट्रंप के कार्यकाल में वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ा, जो सोने की तेजी का एक और बड़ा कारण है।

डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से भी सोने की कीमतों को समर्थन मिला है। बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।

भारत में संस्कृति और घरेलू मांग का भी बड़ा प्रभाव

वैश्विक घटनाओं के अलावा भारत में सोने की कीमतें काफी हद तक सांस्कृतिक परंपराओं और घरेलू मांग पर भी निर्भर करती हैं। भारत में सोना न केवल एक निवेश का माध्यम है, बल्कि इसे समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक भी माना जाता है। शादियों, त्योहारों और विशेष अवसरों पर सोने की खरीदारी का चलन अधिक होता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है।

गोल्ड वैल्यू का निर्धारण वैश्विक ट्रेंड, करेंसी के उतार-चढ़ाव और घरेलू खपत की मांग के आधार पर होता है। निवेशकों के लिए यह जानना जरूरी है कि सोने की कीमतों में तेजी कई फैक्टरों के संयुक्त प्रभाव का नतीजा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति, स्थानीय मांग और मौद्रिक नीतियां शामिल हैं। ऐसे में मौजूदा दौर में सोने में निवेश करना सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।