Gyanvapi Survey: स्तंभ पर कमल पदक और कलियों की श्रृंखला, ज्ञानवापी के तीन शिलालेखों में हैरान करने वाले खुलासे

ज्ञानवापी में मिले तीन शिलालेखों ( 4 8 और 29) में महामुक्तिमंडप का उल्लेख किय गया है। इसे एएसआई ने सबसे महत्वपूर्ण बताय है।

Gyanvapi Survey: स्तंभ पर कमल पदक और कलियों की श्रृंखला, ज्ञानवापी के तीन शिलालेखों में हैरान करने वाले खुलासे

ज्ञानवापी में मिले तीन शिलालेखों ( 4 8 और 29) में महामुक्तिमंडप का उल्लेख किय गया है। इसे एएसआई ने सबसे महत्वपूर्ण बताय है l

ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों ने सार्वजनिक कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था। सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का हिस्सा है। इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। जो स्तंभ मिले हैं, वो हिंदू मंदिर के हैं।

ज्ञानवापी में मिले तीन शिलालेखों ( 4 8 और 29) में महामुक्तिमंडप का उल्लेख किय गया है। इसे एएसआई ने सबसे महत्वपूर्ण बताय है। एएसआई का कहना है कि महामुक्तिमंडप शिव के प्रसिद्ध निवास के अस्तित्व को स्थापित करने में मदद करता है। इसका वर्णन प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। 

शिलालेख 24 से एक विशेषण परममणियकदेव का पता लगता है। एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में 34 शिलालेख मिले हैं। इनमें से सिर्फ तीन शिलालेख ही अच्छी स्थिति में हैं। इन शिलालेखों के विश्लेषण से पता चला कि 15वीं से 17वीं शताब्दी में आने वाले तीर्थ यात्रियों ने उस पर कुछ लिखा था।

शिलालेखों से तीर्थ यात्रियों की चार प्रकार की गतिविधियों का पता लगा है। इसमें देवता को प्रणाम करना, दीपक जलाने का प्रावधान करना और अखंड दीपक जलाना शामिल है। शिलालेखों से आर्यावती, सुम्भाजी, सोनाजी, मल्लाना-भालू, नारायण-भाशिउ, जीवंतदेव, नारायणन रमन. पंडिता मालविधरा, रघुनाथ, दोदारसैय्या, नरसम्ना, कासी और कान्हा जैसे व्यक्तिगत नामों की जानकारी मिलती है। लशुमदेश और कुर्हकालमंडल की जानकारी भी शिलालेख से मिलती है। 

स्तंभ पर मिले कमल पदक, है कलियों की श्रृंखला
ज्ञानवापी की मौजूदा संरचना के एक स्तंभ में कमल पदक विद्यमान है। स्तंभ के 18 फूलों की कलियों की श्रृंखला से सजाया गया है। एक स्तंभ में कमल पदक के अलावा प्रत्येक कोने में पुष्प कलियां मिली हैं। एक स्तंभ पर खिला कमल पदक और 22 फूलों की कलियों की श्रृंखला मिली है। 

अर्धवृत्ताकार मेहराब के दूसरे स्तर पर एक घुटने पर बैठे हाथी के अगले भाग को उसकी सूंड ऊपर उठाए हुए दर्शाया गया है। पूर्वी दीवार के भीतरी हिस्से में हीरे के पैटर्न वाली ऐतिहासिक काल की एक सजी हुई किताब मिली थी। तहखाने की पूर्वी और पश्चिमी दीवारें चूने में जड़े पत्थरों के खंडों से बनी हैं। लाखौरी ईंटों का उपयोग मेहराबों, उनसे उठी दीवारों और छत तक सीमित हैं।

टेराकोटा के बर्तन भी मिले 
एएसआई के अनुसार, परिसर का मलबा हटाने पर पता चला कि वहां जानबूझकर कई चीजें दबई गई थीं। उनमें टेरकोटा से भरे बर्तन और विकृत मूर्तिकला के टुकड़े महत्वपूर्ण थे। इसके अलावा मलबे में बड़ी संख्या में टूटे हुए बर्तन भी शामिल हैं, जैसे कि चिलम, हुक्का बेस, छोटे बर्तन, लैंप आदि...।