अमेरिका ने भारत से आयात पर लगाया 50% शुल्क, आज से लागू

अमेरिका ने भारत से होने वाले आयात पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है। फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ उत्पादों को छूट मिली है।

अमेरिका ने भारत से आयात पर लगाया 50% शुल्क, आज से लागू

अमेरिका ने भारत से आने वाले अधिकांश उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क आज बुधवार से लागू कर दिया है। यह कदम अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा (CBP) की अधिसूचना के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि नया टैरिफ 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा।

यह शुल्क राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 6 अगस्त को जारी कार्यकारी आदेश 14329 का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रूस और उसके सहयोगी देशों से जुड़े व्यापारिक खतरों को नियंत्रित करना है। इस आदेश के तहत भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% अतिरिक्त ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया गया।

ट्रंप का बयान और भारत पर दबाव

30 जुलाई को राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर पहले 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि भारत “दोस्त” है, लेकिन उसके टैरिफ दुनिया में सबसे ऊँचे हैं और गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं भी बहुत कठोर हैं।

ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत रूस से हथियार और ऊर्जा आयात करता रहा है, जबकि दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन युद्ध रोके। इसी कारण भारत को अतिरिक्त शुल्क और जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

मोदी का जवाब – आत्मनिर्भर भारत पर भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान कहा कि अमेरिका के 50% टैरिफ के बावजूद भारत अपने रास्ते पर अडिग रहेगा। उन्होंने कहा,
“हम वाशिंगटन के दबाव की परवाह किए बिना अपनी ताकत बढ़ाते रहेंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गुजरात से नई ऊर्जा मिल रही है, और इसके पीछे दशकों की मेहनत है।”

किन उत्पादों को मिली छूट?

सीबीपी की अधिसूचना के अनुसार, हालांकि अधिकांश भारतीय उत्पादों पर यह शुल्क लागू होगा, लेकिन कुछ प्रमुख श्रेणियों को इससे बाहर रखा गया है।

  • लोहे और इस्पात से बनी वस्तुएं

  • एल्युमीनियम और उसके उत्पाद

  • वाहन, उनके पुर्जे और तांबे के उत्पाद

इन श्रेणियों पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।

फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स को राहत

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट बताती है कि भारत के करीब 30.2% निर्यात पर असर नहीं पड़ेगा। इसका मूल्य लगभग 27.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

  • फार्मास्यूटिकल्स (12.7 बिलियन डॉलर): कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज, दर्द निवारक और इम्यूनो-सप्रेसिव दवाएं।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स (8.18 बिलियन डॉलर): स्मार्टफोन, स्विचिंग-रूटिंग उपकरण, चिप्स, वेफर्स, स्टोरेज डिवाइस।

  • अन्य उत्पाद: 3.29 बिलियन डॉलर के रिफाइंड ऑयल, गैसोलीन, एविएशन टरबाइन फ्यूल, 165.9 मिलियन डॉलर की किताबें व ब्रोशर, और 155.1 मिलियन डॉलर का प्लास्टिक।

असर और संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार में अल्पकालिक बाधाएं पैदा करेगा। हालांकि, भारत का मजबूत विनिर्माण आधार, खासकर फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल उपकरण क्षेत्र में, इस चुनौती का सामना करने में सक्षम है। उद्योग जगत का मानना है कि भारत जल्द ही नई व्यापारिक साझेदारियां बनाकर इस झटके को संभाल लेगा।