अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 2024: महिला सशक्तिकरण और लघु वनोपज का संगम

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का आयोजन अपने आप में एक विशेष और बहुप्रतीक्षित अवसर है। यह मेला न केवल प्रदेशवासियों के लिए बल्कि देशभर के अन्य राज्यों के नागरिकों के लिए भी उत्सुकता और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 2024: महिला सशक्तिकरण और लघु वनोपज का संगम

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का आयोजन अपने आप में एक विशेष और बहुप्रतीक्षित अवसर है। यह मेला न केवल प्रदेशवासियों के लिए बल्कि देशभर के अन्य राज्यों के नागरिकों के लिए भी उत्सुकता और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

10वां अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 17 से 23 दिसंबर के बीच भोपाल के लाल परेड मैदान, जहांगीराबाद में आयोजित किया जाएगा। मेले का उद्घाटन 17 दिसंबर को सायंकाल 5 बजे महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जी के करकमलों द्वारा होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार जी की उपस्थिति मेले को गौरव प्रदान करेगी।

यह मेला लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों के क्षेत्र की गतिविधियों, उत्पादों और अवसरों को प्रदर्शित करने का एक अनूठा मंच प्रदान करता है। संग्राहकों, उत्पादकों, व्यापारियों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों और नीति निर्धारकों के बीच संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से यह मेला आयोजित किया गया है। इस वर्ष की मेले की थीम "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" है। इस थीम के माध्यम से महिलाओं की लघु वनोपज प्रबंधन में भूमिका को रेखांकित किया जाएगा। प्रदेश में इस क्षेत्र में लगभग 50% महिलाओं की भागीदारी होने के कारण यह विषय अत्यधिक प्रासंगिक है।

मेले में इस बार 300 स्टॉल्स लगाए जाएंगे, जिनमें जिला यूनियन, वन धन केंद्र, जड़ी-बूटी संग्राहक, आयुर्वेदिक औषधि निर्माता, पारंपरिक भोजन सामग्री के निर्माता और विक्रेता अपने उत्पादों का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे। साथ ही, विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मेले के दौरान 19 और 20 दिसंबर को "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में श्रीलंका, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

21 दिसंबर को मेला स्थल पर एक क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में उच्च गुणवत्तायुक्त लघु वनोपज, औषधीय पौधों, कच्ची जड़ी-बूटियों और एमएफपी पार्क द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक औषधियों के व्यापार को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत क्रय-विक्रय अनुबंध किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मेले में आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जाएगा। हर दिन हजारों लोग इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

आयोजन के दौरान सांस्कृतिक गतिविधियों की भी विशेष योजना बनाई गई है। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, आर्केस्ट्रा, नुक्कड़ नाटकों, लोक नृत्यों के साथ-साथ स्कूली बच्चों के लिए चित्रकला, फैंसी ड्रेस और गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 18 दिसंबर को सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी, 19 दिसंबर को हास्य कलाकार श्री एहसान कुरैशी, 20 दिसंबर को सूफी बैंड, 21 दिसंबर को फिडली क्राफ्ट, और 22 दिसंबर को एक शाम वन विभाग के नाम विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

इस मेले के माध्यम से लघु वनोपज और औषधीय पौधों से जुड़े हर पहलू पर चर्चा और प्रदर्शन किया जाएगा। यह मेला न केवल व्यापारियों और उत्पादकों के लिए बल्कि इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले वैज्ञानिकों, उद्यमियों और नीति निर्धारकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक साबित होगा।