Ram Mandir: 'राम मंदिर का विरोध गलत...', मुस्लिम नेता के बयान पर बवाल, विरोध में उतरे कई संगठन

IUML President Statement on Ram Mandir: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की केरल इकाई के अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल ने यूपी के अयोध्या में बने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मंदिर और इसके पास प्रस्तावित मस्जिद को "धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक" बताया है और कहा है कि “मंदिर के खिलाफ विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है. मुस्लिम समुदाय को इस मुद्दे पर उलझने के बजाय भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. सूबे के प्रभावशाली पनक्कड़ परिवार के सीनियर सदस्य थंगल ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दो दिन बाद 24 जनवरी को मलप्पुरम में जनसभा के दौरान ये बातें कही थीं. कार्यक्रम का एक वीडियो रविवार (4 फरवरी, 2024) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद से वह खूब चर्चा में है. केरल सरकार का हमला, कांग्रेस ने किया बचाव केरल के सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के गठबंधन सहयोगी इंडियन नेशनल लीग (INL) ने आईयूएमएल नेता के इस तरह के बयान पर हमला किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी और आईयूएमएल थंगल के बचाव में उतरी. कांग्रेस ने कहा कि थंगल बीजेपी के कैंपेन को रोकने का प्रयास कर रहे थे जो इन मुद्दों को लेकर नफरत और समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. 'मंदिर का विरोध करने की जरूरत नहीं' सादिक अली शिहाब थंगल ने प्रोग्राम में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा, ''हमारे देश में बड़ा विकास हुआ है. देश के बहुसंख्यक समाज की राम मंदिर की जो इच्छा थी, वह पूरी हो गई है. अब देश पीछे नहीं जा सकता. यह देश के बहुसंख्यक समुदाय की जरूरत थी. हमें इस बात का विरोध करने की जरूरत नहीं है कि अयोध्या में मंदिर बन गया है. बहुलवादी समाज में हर किसी को अपनी आस्था के अनुसार आगे बढ़ने की आजादी है.” 'दोनों ही धर्मनिरपेक्षता के सर्वोत्तम प्रतीक' आईयूएमएल नेता ने आगे बताया, “अदालत के फैसले के बाद राम मंदिर बन चुका है और बाबरी मस्जिद निर्माणाधीन है. ये दोनों ही धर्मनिरपेक्षता का सबसे अच्छा उदाहरण हैं. हमें उसे अपनाना चाहिए. दोनों धर्मनिरपेक्षता के सर्वोत्तम प्रतीक हैं." उन्होंने यह भी कहा कि हम बखूबी जानते हैं कि बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने नष्ट कर दिया था और उस समय हमने इसका विरोध भी किया था. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भारतीय मुसलमानों ने पूरी परिपक्‍वता भी दिखाई. ये भी पढ़ें राजस्थान का पत्थर, इटली का संगमरमर... घंटियों की आवाज से गूंजेगा अबू धाबी का हिंदू मंदिर, जानें पीएम मोदी कब करेंगे उद्घाटन

Ram Mandir: 'राम मंदिर का विरोध गलत...', मुस्लिम नेता के बयान पर बवाल, विरोध में उतरे कई संगठन

IUML President Statement on Ram Mandir: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की केरल इकाई के अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल ने यूपी के अयोध्या में बने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मंदिर और इसके पास प्रस्तावित मस्जिद को "धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक" बताया है और कहा है कि “मंदिर के खिलाफ विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है. मुस्लिम समुदाय को इस मुद्दे पर उलझने के बजाय भविष्य के बारे में सोचना चाहिए.

सूबे के प्रभावशाली पनक्कड़ परिवार के सीनियर सदस्य थंगल ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दो दिन बाद 24 जनवरी को मलप्पुरम में जनसभा के दौरान ये बातें कही थीं. कार्यक्रम का एक वीडियो रविवार (4 फरवरी, 2024) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद से वह खूब चर्चा में है.

केरल सरकार का हमला, कांग्रेस ने किया बचाव

केरल के सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के गठबंधन सहयोगी इंडियन नेशनल लीग (INL) ने आईयूएमएल नेता के इस तरह के बयान पर हमला किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी और आईयूएमएल थंगल के बचाव में उतरी. कांग्रेस ने कहा कि थंगल बीजेपी के कैंपेन को रोकने का प्रयास कर रहे थे जो इन मुद्दों को लेकर नफरत और समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.

'मंदिर का विरोध करने की जरूरत नहीं'

सादिक अली शिहाब थंगल ने प्रोग्राम में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा, ''हमारे देश में बड़ा विकास हुआ है. देश के बहुसंख्यक समाज की राम मंदिर की जो इच्छा थी, वह पूरी हो गई है. अब देश पीछे नहीं जा सकता. यह देश के बहुसंख्यक समुदाय की जरूरत थी. हमें इस बात का विरोध करने की जरूरत नहीं है कि अयोध्या में मंदिर बन गया है. बहुलवादी समाज में हर किसी को अपनी आस्था के अनुसार आगे बढ़ने की आजादी है.”

'दोनों ही धर्मनिरपेक्षता के सर्वोत्तम प्रतीक'

आईयूएमएल नेता ने आगे बताया, “अदालत के फैसले के बाद राम मंदिर बन चुका है और बाबरी मस्जिद निर्माणाधीन है. ये दोनों ही धर्मनिरपेक्षता का सबसे अच्छा उदाहरण हैं. हमें उसे अपनाना चाहिए. दोनों धर्मनिरपेक्षता के सर्वोत्तम प्रतीक हैं." उन्होंने यह भी कहा कि हम बखूबी जानते हैं कि बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने नष्ट कर दिया था और उस समय हमने इसका विरोध भी किया था. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भारतीय मुसलमानों ने पूरी परिपक्‍वता भी दिखाई.