राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गयाजी में किया पिंडदान, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गयाजी के विष्णुपद मंदिर में पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए वैदिक विधि से पिंडदान किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गयाजी में किया पिंडदान, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शनिवार को बिहार की मोक्ष स्थली गयाजी पहुंचीं। यहां उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के साथ विष्णुपद मंदिर में विधिवत पिंडदान किया।

विशेष विमान से गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचने पर राष्ट्रपति का स्वागत बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने किया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से सीधे विष्णुपद मंदिर पहुंचीं। मंदिर परिसर में पिंडदान हेतु जिला प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।

गयापाल पुरोहित राजेश लाल कटरियाल ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राष्ट्रपति का पिंडदान संस्कार संपन्न कराया। इस अवसर पर मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक सुरक्षा तैनाती की गई थी।

हर साल पितृपक्ष के अवसर पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु गयाजी पहुंचकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए पिंडदान करते हैं। विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी और अक्षय वट जैसे पवित्र स्थलों पर श्रद्धालु पारंपरिक वेदियों पर पूजा-अर्चना कर अपने पितरों का तर्पण करते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है, आत्मा अमर रहती है। यदि परिवारजन श्रद्धापूर्वक पिंडदान करते हैं तो आत्मा इस लोक से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करती है। इसी मान्यता को आत्मसात करने के लिए पितृपक्ष में गयाजी में पिंडदानियों की भीड़ उमड़ती है।

श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने विशेष इंतज़ाम किए हैं। इस वर्ष पितृपक्ष मेला 21 सितंबर तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से हजारों लोग शामिल होंगे।