लोकसभा में गरजे अमित शाह: ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन पेश की, आतंकवाद और कांग्रेस दोनों पर कड़ा वार

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन महादेव’ की पूरी जानकारी दी और पहलगाम हमले के आतंकियों के मारे जाने की घोषणा की। साथ ही कांग्रेस की ऐतिहासिक गलतियों पर भी तीखा हमला बोला।

लोकसभा में गरजे अमित शाह: ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन पेश की, आतंकवाद और कांग्रेस दोनों पर कड़ा वार

लोकसभा में सोमवार को शुरू हुई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा मंगलवार को और तेज हो गई, जब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई। विपक्ष के तीखे सवालों के बीच उन्होंने न सिर्फ सरकार का पक्ष मजबूती से रखा, बल्कि अपने तथ्यों और तीखे तर्कों से विरोधियों को शांत भी कर दिया।

ऑपरेशन महादेव की बड़ी घोषणा

अमित शाह ने संसद को सूचित किया कि पहलगाम हमले के तीन मुख्य आतंकवादी—सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान—को ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ढेर कर दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे एफएसएल रिपोर्ट और बरामद हथियारों से उनकी पहचान हुई। आतंकियों के पास से एक अमेरिकी M-9 और दो AK-47 राइफलें बरामद हुईं, जिनसे हमले को अंजाम दिया गया था।

विपक्ष के सवालों का करारा जवाब

पहलगाम हमले को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था कि हमलावर अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए। अमित शाह के इस खुलासे के साथ ही ये सारे आरोप बेमानी साबित हो गए। उन्होंने न केवल ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन साझा की, बल्कि यह भी बताया कि आतंकी किस तरह मारे गए।

चिदंबरम और अखिलेश पर तीखा हमला

शाह ने पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम की उस टिप्पणी पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने आतंकियों के पाकिस्तानी होने पर सवाल उठाए थे। शाह ने कहा कि दो आतंकियों के पाकिस्तानी वोटर ID तक उपलब्ध हैं, और उनके पास मिली चॉकलेट भी पाकिस्तान में बनी थी। वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, “दुखी मत होइए।”

पाकिस्तान में घुसकर की गई कार्रवाई

गृह मंत्री ने बताया कि इस बार भारत ने पड़ोसी देश में 100 किलोमीटर अंदर जाकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। साथ ही पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिनमें से 8 को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा।

संघर्षविराम पर कांग्रेस को घेरा

अमित शाह ने संघर्षविराम पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि युद्ध सोच-समझकर किया जाता है। उन्होंने 1948 में नेहरू द्वारा किए गए एकतरफा युद्धविराम को पीओके के अस्तित्व का कारण बताया। उन्होंने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों की फेहरिस्त भी गिनाई—1947 का विभाजन, सिंधु जल संधि में पानी देना, हाजी पीर लौटाना और शिमला समझौते में पीओके न मांगना।

नेहरू पर सीधा निशाना

शाह ने आरोप लगाया कि नेहरू ने 30 हजार वर्ग किमी अक्साई चिन चीन को दे दिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने सही निर्णय लिए होते, तो आज भारत आतंकवाद की इतनी गंभीर समस्या से न जूझ रहा होता।

पोटा पर कांग्रेस की आलोचना

अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा लाए गए पोटा कानून का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आतंकियों को बचाने के लिए इस कानून का विरोध किया।

सुरक्षा व्यवस्था में भारी सुधार

गृह मंत्री ने आंकड़ों के साथ बताया कि 2014 से लेकर 2025 तक के उनके शासनकाल में एक भी बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ। उन्होंने 2004 से 2014 के बीच की घटनाओं से तुलना करते हुए बताया कि कैसे मोदी सरकार के दौरान सुरक्षा हालात बेहतर हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हालात पहले से शांत और सुरक्षित हैं।

अमित शाह ने न सिर्फ पहलगाम हमले के आतंकियों के मारे जाने की सूचना दी, बल्कि कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों और वर्तमान में उठाए गए आतंकवाद विरोधी कदमों का पूरा लेखाजोखा भी देश के सामने रखा। लोकसभा की यह बहस, विपक्ष पर भारी पड़ी और मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की दृढ़ता को और मजबूत करती दिखी।