एम्स पटना में पहली बार सफल लीवर ट्रांसप्लांट, बिहार के चिकित्सा इतिहास में नया अध्याय

एम्स पटना में पहली बार सफलतापूर्वक लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है। यह सर्जरी डॉ. उत्पल आनंद के नेतृत्व में हुई। समस्तीपुर की चैता देवी के अंगदान ने एक नई मिसाल कायम की और बिहार को चिकित्सा क्षेत्र में नई पहचान दिलाई।

एम्स पटना में पहली बार सफल लीवर ट्रांसप्लांट, बिहार के चिकित्सा इतिहास में नया अध्याय

बिहार के चिकित्सा इतिहास में एक नया और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है। एम्स पटना में पहली बार सफलतापूर्वक लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है, जिससे राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई उपलब्धि दर्ज हुई है।

यह जटिल सर्जरी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग की टीम ने की, जिसका नेतृत्व डॉ. उत्पल आनंद ने किया। उनके साथ डॉ. कुनाल परसर, डॉ. बसंत नारायण सिंह, डॉ. किसलय कांत, तथा एनेस्थीसिया और नर्सिंग विभाग की विशेषज्ञ टीम भी शामिल रही।

इस सर्जरी को संभव बनाने में समस्तीपुर की ब्रेन डेड मरीज चैता देवी का योगदान सराहनीय रहा। उन्होंने अंगदान कर एक मिसाल पेश की, जिससे न सिर्फ एक व्यक्ति को नया जीवन मिला, बल्कि बिहार में अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।

एम्स पटना अब बिहार का पहला चिकित्सा केंद्र बन गया है जहां लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है। इस उपलब्धि से बिहार और आसपास के राज्यों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अब ऐसे उपचार के लिए दिल्ली या अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।

यह सफलता बिहार के चिकित्सा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी और आने वाले समय में राज्य को उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में आगे बढ़ाएगी।