बज्म-ए-सुखन में गूंजी शायरी, शीन मुजफ्फरपुरी को दी गई साहित्यिक श्रद्धांजलि

पटना में शीन मुजफ्फरपुरी की स्मृति में उर्दू निदेशालय द्वारा साहित्यिक गोष्ठी और स्मृति समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें शायरों और साहित्यकारों ने उर्दू भाषा के संरक्षण पर विचार साझा किए।

बज्म-ए-सुखन में गूंजी शायरी, शीन मुजफ्फरपुरी को दी गई साहित्यिक श्रद्धांजलि

आज राजधानी पटना में उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग द्वारा प्रतिष्ठित उर्दू साहित्यकार शीन मुजफ्फरपुरी की स्मृति में एक भव्य स्मृति समारोह और बज्म-ए-सुखन (साहित्यिक गोष्ठी) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उर्दू भाषा और साहित्य के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार को लेकर गंभीर चर्चा हुई।

साहित्य और संवेदना का संगम

कार्यक्रम की शुरुआत शीन मुजफ्फरपुरी के जीवन और साहित्यिक योगदान पर केंद्रित वक्तव्यों से हुई। वक्ताओं ने उन्हें उर्दू साहित्य का स्तंभ, एक प्रख्यात आलोचक, और भाषा के समर्पित सेवक बताया। उनकी रचनाएं आज भी उर्दू साहित्य की अनमोल धरोहर के रूप में जानी जाती हैं।

बज्म-ए-सुखन में गूंजे शायरी के सुर

इसके बाद आयोजित बज्म-ए-सुखन में देशभर के प्रसिद्ध शायरों ने शिरकत की। उन्होंने अपनी ग़ज़लों, नज़्मों और मुक्तकों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी रचनाओं में उर्दू की भावनात्मक गहराई और कोमलता स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आई, जिससे समारोह का वातावरण साहित्यिक रस में डूब गया।

राज्य सरकार की उर्दू को लेकर प्रतिबद्धता

कार्यक्रम में उर्दू निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि बिहार सरकार उर्दू को सरकारी कार्यों में अधिक स्थान देने, उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति और साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह जानकारी समारोह में उपस्थित साहित्य प्रेमियों और शिक्षाविदों के लिए आशा की किरण बनी।

विशिष्ट अतिथियों का सम्मान और स्मृति चिन्ह

कार्यक्रम के समापन पर विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया गया और शीन मुजफ्फरपुरी के साहित्यिक योगदान पर आधारित स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर ने न केवल उन्हें श्रद्धांजलि दी, बल्कि उर्दू साहित्य के पुनरुत्थान को भी नई दिशा दी।

साहित्यिक जगत में उत्साह

इस आयोजन को लेकर उर्दू साहित्य जगत में विशेष उत्साह देखा गया। यह समारोह न सिर्फ शीन मुजफ्फरपुरी की स्मृति को जीवंत करता है, बल्कि उर्दू भाषा के नवजीवन और नई पीढ़ी में इसकी चेतना जगाने की दिशा में भी एक सार्थक पहल है।