भारत-यूके साझेदारी में तकनीक, रक्षा और शिक्षा पर होगा नया विस्तार: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने यूके के साथ तकनीक, रक्षा, एआई, ऊर्जा और शिक्षा में सहयोग बढ़ाने की बात कही। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे।

भारत-यूके साझेदारी में तकनीक, रक्षा और शिक्षा पर होगा नया विस्तार: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संबंध अब एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ तकनीक, रक्षा, एआई, नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहराई दी जाएगी। अपने संवाद के दौरान उन्होंने यूके के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मुलाकात की और शिक्षा व सांस्कृतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

तकनीक और रक्षा में नई दिशा

भारत और यूके के बीच उभरते तकनीकी संबंध दोनों देशों के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और रक्षा निर्माण में सहयोग से न केवल दोनों देशों की सुरक्षा क्षमता बढ़ेगी, बल्कि रक्षा उद्योग में नई तकनीकी संभावनाएँ भी खुलेंगी। पीएम मोदी ने इस साझेदारी को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप बताया।

सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर

भारत और यूके ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में पहले से ही कई संयुक्त परियोजनाएँ शुरू की हैं। पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देश सोलर एनर्जी, विंड पावर और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे, जिससे न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।

शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को मिलेगी नई गति

पीएम मोदी ने यूके के प्रमुख विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स से मुलाकात को “एक प्रेरणादायक अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों के लिए यूके में उच्च शिक्षा और रिसर्च के अवसर बढ़ाए जाएंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और सशक्त किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी को वैश्विक अनुभव और दृष्टिकोण मिल सके।

भविष्य के सहयोग की दिशा

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत-यूके साझेदारी सिर्फ व्यापार या रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, नवाचार और मानवता के साझा मूल्यों पर आधारित है। यह संबंध आने वाले वर्षों में दोनों देशों की युवा पीढ़ियों के लिए नए अवसर और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पीएम मोदी की यह पहल भारत और यूके के बीच गहरे विश्वास और साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। शिक्षा, तकनीक, रक्षा और पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग न केवल आर्थिक वृद्धि को गति देगा बल्कि वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की भूमिका को और सशक्त बनाएगा।