मलेशिया में अब भारतीय करेंगे यूपीआई से पेमेंट, रेजरपे की बड़ी घोषणा

रेजरपे की साझेदारी से अब मलेशिया में भारतीय पर्यटक यूपीआई से पेमेंट कर सकेंगे। यह भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम के वैश्विक विस्तार की दिशा में बड़ा कदम है।

मलेशिया में अब भारतीय करेंगे यूपीआई से पेमेंट, रेजरपे की बड़ी घोषणा

भारतीय यात्रियों के लिए डिजिटल भुगतान का अनुभव अब और आसान हो गया है। रेजरपे ने घोषणा की है कि बहुत जल्द मलेशिया की यात्रा करने वाले भारतीय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए स्थानीय दुकानों और सेवाओं में पेमेंट कर सकेंगे। यह कदम भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जा रहा है।

रेजरपे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा, “इनोवेशन की कोई सीमा नहीं होती। भारत की फिनटेक लीडरशिप में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।”

रेजरपे की मलेशियाई सब्सिडियरी कर्लेक (Curlec) और एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) के बीच यह साझेदारी ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान फाइनल की गई। यह आयोजन 7 से 9 अक्टूबर तक चला, जिसमें इस एग्रीमेंट को यूपीआई के अंतरराष्ट्रीय विस्तार के रूप में देखा गया। रेजरपे ने कहा कि इस सहयोग से मलेशिया के हजारों व्यापारी अब भारतीय यात्रियों के यूपीआई ऐप जैसे PhonePe, Paytm, Google Pay, BHIM आदि से इंस्टेंट पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे।

रेजरपे के अनुसार, इस फैसले से मलेशिया की यात्रा करने वाले भारतीयों को अब इंटरनेशनल कार्ड या करेंसी एक्सचेंज की झंझटों से राहत मिलेगी। अब भारतीय पर्यटक सीधे अपने यूपीआई ऐप से लोकल बिजनेस, होटल, रेस्टोरेंट और टैक्सी सेवाओं को पेमेंट कर पाएंगे।

इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि कैशलेस इकोनॉमी को भी बढ़ावा मिलेगा। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 10 लाख से अधिक भारतीय पर्यटक मलेशिया गए, जिन्होंने वहां करीब 110 बिलियन रुपये से अधिक खर्च किए। यह संख्या 2023 की तुलना में लगभग 71.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

यात्रियों की इस बढ़ती संख्या को देखते हुए दोनों देशों के बीच पेमेंट को सरल और डिजिटल बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसके बाद रेजरपे और एनपीसीआई ने यह महत्वपूर्ण साझेदारी की।

रेजरपे की इस पहल से मलेशिया में यूपीआई पेमेंट न केवल आसान होगा बल्कि फॉरेन एक्सचेंज की लागत भी घटेगी। इसके साथ ही भारतीय पर्यटक रियल-टाइम ट्रांजैक्शन कर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और सुरक्षा भी बढ़ेगी। स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों को भी इससे फायदा मिलेगा क्योंकि भारतीय यात्रियों की खरीदारी में वृद्धि होगी।

रेजरपे कर्लेक के सीईओ केविन ली (Kevin Lee) ने कहा, “मलेशिया में यूपीआई की शुरुआत से भारतीय यात्रियों के लिए पेमेंट प्रोसेस बेहद आसान हो जाएगा। इससे न केवल उन्हें सुविधा मिलेगी बल्कि स्थानीय बिजनेस को भी डिजिटल इकोनॉमी से जुड़ने में मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के बीच फिनटेक सहयोग को मजबूत बनाएगी और सीमा-पार लेनदेन को और सहज करेगी। रेजरपे के मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर शशांक कुमार ने कहा, “यूपीआई ने भारत में पेमेंट करने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है। यह इनोवेशन और इनक्लूजन का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब टेक्नोलॉजी सभी के लिए सुलभ होती है, तभी असली प्रगति होती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की फिनटेक इनोवेशन अब वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रही है, और यह साझेदारी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

मलेशिया में यूपीआई की उपलब्धता यह साबित करती है कि भारत का डिजिटल इंडिया मिशन अब ग्लोबल इंडिया मिशन में बदल रहा है। यह कदम उन करोड़ों भारतीय यात्रियों के लिए नई सुविधा लेकर आएगा, जो विदेशों में भी भारतीय पेमेंट सिस्टम की विश्वसनीयता और सरलता का अनुभव करना चाहते हैं।

मलेशिया में यूपीआई पेमेंट की शुरुआत भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
इससे भारतीय यात्रियों को सुविधा मिलेगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी और स्थानीय व्यापारियों को भी नया मार्केट मिलेगा। रेजरपे और एनपीसीआई इंटरनेशनल की यह साझेदारी भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक ठोस कदम है — जो आने वाले वर्षों में भारत की फिनटेक लीडरशिप को और सशक्त बनाएगा।