काम में महसूस होने लगी है बोरियत, लाइफ बन गई है उबाऊ? कहीं आप भी तो नहीं हो गए बर्नआउट
Burnout : क्या आपको अपनी जिंदगी उबाऊ लगने लगी है, क्या किसी काम में मन नहीं लग रहा है, मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस कर रहे हैं, हर वक्त स्ट्रेस रहता है, अगर हां तो आपको अलर्ट होने
Burnout : क्या आपको अपनी जिंदगी उबाऊ लगने लगी है, क्या किसी काम में मन नहीं लग रहा है, मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस कर रहे हैं, हर वक्त स्ट्रेस रहता है, अगर हां तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है, क्योंकि ये बर्नआउट सिंड्रोम हो सकता है.इसमें एक जैसा रुटीन फॉलो करने से कई बार लाइफ बोरिंग सी लगने लगती है.
जिस काम को लेकर कभी खुशी महसूस होती थी, अब वही सिरदर्द बनने लगा है. लंबी छुट्टी के बावजूद स्ट्रेस बना रहता है. WHO का कहना है कि बर्नआउट सिंड्रोम (Burnout Syndrome) 'क्रोनिक वर्कप्लेस स्ट्रेस' के कारण भी हो सकता है. जिसमें काम को लेकर बहुत ज्यादा तनाव होना शुरुआती लक्षण है. ऐसे में आइए जानते हैं हम बर्नआउट क्यों हो जाते हैं, इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.
बर्नआउट सिंड्रोम में क्या दिक्कतें होती हैं
1. काम में मन नहीं लगता, काम को लेकर एनर्जी महसूस न करना.
2. जॉब को लेकर मन में बुरे-बुरे विचार आना.
3. काम में बोरियत महसूस होना.
4. अपना काम डेडलाइन तक पूरा न कर पाना या टारगेट से दूर रहना.
बर्नआउट सिंड्रोम क्यों होता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब लंबे समय तक वर्कप्लेस पर काम का प्रेशर झेलना पड़ता है या किसी साथी से अनबन हो जाती है या फिर काम को लेकर चुनौतियां महसूस होती है तो खुद को कमजोर मानने लगते हैं. जिसकी वजह से बर्नआउट होने लगता है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया के अनुसार, लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना और दिन-रात सोचते रहने से बर्नआउट हो सकता है. इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
बर्नआउट सिंड्रोम में दिमाग का रोल
न्यूरोसाइंस के अनुसार, हर समय काम में डूबे रहने से दिमाग पर बहुत ज्यादा बुरा असर पड़ सकता है. एक स्टडी के अनुसरार, हमारे दिमाग में लॉकस कोर्यूलियस (locus Coeruleus) नाम का एक छोटा सा हिस्सा होता है, जो दिमाग के काम करने की स्पीड को कंट्रोल करता है. बर्नआउट में यह सही तरह काम नहीं कर पाता और मेंटल स्ट्रेस बढ़ जाता है.
बर्नआउट सिंड्रोम का प्रभाव
क्रिएटिविटी की कमी होना
काम की क्वालिटी बिगड़ना
दिनभर तनाव और चिंता का बढ़ना
लॉन्ग टर्म प्रोडक्टिविटी कम होना
गहराई से सोचने की क्षमता कमजोर होती है
बर्नआउट सिंड्रोम से कैसे बचें
1. काम में ज्यादा न उलझें, खुद को महत्व दें.
2. ऑफिस के काम को घर पर न लाएं वरना रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं.
3. मनपसंद एक्टिविटी को कुछ समय दें.
4. फैमिली और फ्रेंड्स के साथ टाइम बिताएं.
5. भरपूर नींद लें.
6. ज्यादा चिंता होने पर डॉक्टर से मिलें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.