लोकसभा चुनाव: लोकतंत्र के त्योहार में इत्रनगरी का कमाल, 10 बूथों पर मचा दिया धमाल, 90 फीसदी से ज्यादा वोटिंग

चुनाव को लोकतंत्र का त्योहार यूहीं नहीं कहा जाता है। मई के दूसरे सप्ताह में तापमान के ऊंचे ग्राफ के साथ शबाब पर पहुंची गर्मी के बीच भी मतदाताओं का उत्साह कमाल का रहा।

लोकसभा चुनाव: लोकतंत्र के त्योहार में इत्रनगरी का कमाल, 10 बूथों पर मचा दिया धमाल, 90 फीसदी से ज्यादा वोटिंग

छिबरामऊ और तिर्वा विधानसभा क्षेत्र के 10-10 बूथों पर 90 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। ग्रामीण अंचल के वोटरों ने लोकतंत्र का त्योहार उत्साह से मनाया। वहीं शहर में उदासीनता दिखी।

चुनाव को लोकतंत्र का त्योहार यूहीं नहीं कहा जाता है। मई के दूसरे सप्ताह में तापमान के ऊंचे ग्राफ के साथ शबाब पर पहुंची गर्मी के बीच भी मतदाताओं का उत्साह कमाल का रहा। पहले तीन चरण में फीके उत्साह से बढ़ी बेचैनी के बीच यहां के मतदाताओं ने जो उत्साह दिखाया, उससे अधिकारियों को सुकून मिला है। दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों के 10 बूथ के वोटरों ने 90 प्रतिशत से भी ज्यादा मतदान कर लोकतंत्र के त्योहार की खुशी में इजाफा कर दिया है। उनके इस उत्साह से अफसरों के चेहरे पर सुकून है।

कन्नौज संसदीय सीट के लिए चौथे चरण के तहत 13 मई को हुए मतदान के दौरान यहां के वोटरों ने न सिर्फ गर्मी को शिकस्त दी, बल्कि पिछली बार से ज्यादा वोटिंग करके फर्स्ट डिवीजन का आंकड़ा पास करने का रिकॉर्ड बरकरार रखा। आस-पड़ोस की दूसरी जिले से जुड़ीं सीटों पर मतदान का प्रतिशत भले ही गिरा हो, लेकिन इत्रनगरी ने पिछली बार के 60.86 के आंकड़े को पार करके 61.08 प्रतिशत वोटिंग कर डाली। इस उपलब्धि के पीछे दूर-दराज के उन ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं का उत्साह है, जिन्होंने अपने बूथों पर 90 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा मतदान कर दिया।

कन्नौज संसदीय सीट के पांचों विधानसभा पर कुल 2,307 पोलिंग बूथ में से जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र में 1,519 बूथ हैं। इसमें सबसे ज्यादा 547 बूथ छिबरामऊ में और 487 बूथ तिर्वा, 485 बूथ कन्नौज सदर में हैं। इन तीनों विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथ में से 10 ऐसे बूथों की पहचान की गई है, जहां पर 90 फीसदी या उससे भी ज्यादा वोटिंग हुई है। इन बूथों पर हुई बंपर वोटिंग से ही कन्नौज में मतदान का आंकड़ा फर्स्ट डिवीजन हासिल कर सका है।

शहर में कम, गांव में ज्यादा मना लोकतंत्र का जश्न

शिद्दत की गर्मी के बीच लोकतंत्र के त्योहार को मनाने में गांव के वोटर ने शहर के मतदाताओं से ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। जिले की आठों नगर पालिका व नगर पंचायतों के मुकाबले बाकी के ग्रामीण इलाकों के बूथ पर पूरे दिन रौनक रही थी। इसमें महिला और पुरुष दोनों ने ही उत्साह दिखाते हुए अपने-अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। उसी का नतीजा है कि यहां सम्मानजनक वोटिंग हो सकी। शहर की ही बात करें तो जिला मुख्यालय पर सरायमीरा स्थित प्राइमरी स्कूल द्वितीय में सबसे कम वोटिंग हुई। यहां के बूथ संख्या 243 में कुल 15.43 फीसदी ही वोटिंग हुई। यहां के कुल 1,207 में से सिर्फ 188 ने अपने-अपने वोट डाले। इसमें 100 पुरुष व 88 महिला वोटर हैं। यहां कम वोटिंग से प्रशासन भी पसोपेश में है।

जिन जगहों पर ज्यादा वोटिंग, वहां की आबादी पर निगाह

लोकतंत्र की महिमा देखिए, गांव के लोगों ने वोटिंग करने में भले ही जितना जोश दिखाया हो, सियासतदानों की निगाह उन पर दूसरे ही अंदाज में पड़ी है। अब सियासी गलियारे में इस बार पर मंथन हो रहा है कि उन बूथों पर ज्यादा आबादी किस बिरादरी के मतदाताओं की है। उसी के मुताबिक नतीजे का अंदाजा लगाया जा रहा है। बिरादरी विशेष बहुल गांव के वोटरों के उत्साह से दूसरे उम्मीदवार और उनके समर्थकों के माथे पर परेशानी देखने को मिल रही है।