Swelling Eyes: आंखों में सूजन नहीं है कॉमन, ये पांच गंभीर कारण हो सकते हैं जिम्मेदार, ना करें नजरअंदाज

क्या आपकी आंखों में भी सूजन रहती है और आप नींद की कमी के कारण इसे यूं ही नजर अंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि इन पांच गंभीर कारणों की वजह से आंखों में सूजन हो सकती है. क्या आपकी आंखों में भी सूजन रहती है और आप नींद की कमी के कारण इसे यूं ही नजर अंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि इन पांच गंभीर कारणों की वजह से आंखों में सूजन हो सकती है.

Swelling Eyes: आंखों में सूजन नहीं है कॉमन, ये पांच गंभीर कारण हो सकते हैं जिम्मेदार, ना करें नजरअंदाज

क्या आपकी आंखों में भी सूजन रहती है और आप नींद की कमी के कारण इसे यूं ही नजर अंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि इन पांच गंभीर कारणों की वजह से आंखों में सूजन हो सकती है.

क्या आपकी आंखों में भी सूजन रहती है और आप नींद की कमी के कारण इसे यूं ही नजर अंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि इन पांच गंभीर कारणों की वजह से आंखों में सूजन हो सकती है. देखा जाता है कि कई लोगों की आंखें नींद पूरी होने के बाद भी सूजी हुई नजर आती है या आंखों में उभरापन दिखता है और लोगों को लगता है कि यह नींद पूरी न होने की वजह से हो रहा है. लेकिन मेडिकल कंडीशन में इसे प्रोप्टोसिस कहते हैं, जिसमें बल्जिंग आइज की समस्या होती है और यह धीरे-धीरे गंभीर रूप भी ले सकती है, इसलिए आंखों में सूजन को आपको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके ये पांच कारण हो सकते हैं.

हाइपरथाइरॉयडिज़्म: डॉक्टर्स के अनुसार, बल्जिंग आइज यानी कि सूजी या उभरी हुई कारण आंखों का मुख्य कारण हाइपरथाइरॉयडिज़्म या ओवर एक्टिव थायराइड ग्लैंड भी होता है. दरअसल, यह गर्दन के सामने मौजूद होती है, इससे रिलीज होने वाले हार्मोन से आंखों पर इफेक्ट पड़ता है और इससे आंखों में सूजन आ जाती है. ओरबिटल सेल्युलाइटिस: ओरबिटल सेल्युलाइटिस के कारण प्रोप्टोसिस का खतरा बढ़ता है, इतना ही नहीं इससे न्यूरोब्लास्टोमा और ल्यूकेमिया की संभावना भी अधिक होती है और यह धीरे-धीरे बल्जिंग आइज की समस्या भी पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों में आंखों के नीचे सूजन इसी कारण होती है.
ग्रेव्स डिजीज : ग्रेव्स डिजीज एक तरह की ऑटोइम्यून बीमारी है, जो हाइपरथाइरॉयडिज़्म और आंखों की सूजन का मुख्य कारण होती है. यह रोग किसी भी उम्र में पनप सकता है, खासकर 30 से 60 उम्र की महिलाओं में इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है. बैक्टीरियल इंफेक्शन: कई बार बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी आंखों में सूजन, इरिटेशन, आंखों में लालपन या दर्द हो सकता है, यह आमतौर पर मौसम में बदलाव, धूप-धूल मिट्टी या बारिश के कारण होते हैं. सारकॉइडोसिस: सारकॉइडोसिस में भी बल्जिंग आइज का खतरा सबसे ज्यादा होता है. दरअसल, इस बीमारी से ग्रसित लोगों के शरीर मेंग्रैनुलोमा या इंफ्लेमेटरी सेल्स बढ़ने लगते हैं और इससे ऑर्गन इन्फ्लेमेशन का खतरा बढ़ जाता है और इसी के कारण आंख, लीवर, हार्ट और ब्रेन में सूजन आने लगती है.